सूडान. दुनिया भर में कई तरह के खतरनाक नशे मौजूद हैं, लेकिन एक सस्ता और असरदार नशा है कैप्टागन. जो लड़ाकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ये नशा थकान, भूख और नींद को दबा देता है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में ये सीरिया और अरब देशों के संघर्ष क्षेत्रों में खूब इस्तेमाल हुआ।
अब Middle East Eye की रिपोर्ट बताती है कि कैप्टागन का नया अड्डा सूडान बनता जा रहा है। नील नदी के किनारे एक वीरान औद्योगिक इलाके में इस नशे की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। सीरिया से बंद होता नेटवर्क अब सूडान तक कैसे पहुंच गया? आइए जानते हैं।
सीरिया से सूडान तक का सफर
कैप्टागन का नाम सीरिया से ही जुड़ा रहा है। एक दौर में ये देश इस नशे के निर्माण और तस्करी का सबसे बड़ा गढ़ था। लेकिन जैसे ही बशर अल असद सरकार कमजोर पड़ी और सीरिया में फैक्ट्रियोंं पर कार्रवाई हुई वहां के नेटवर्क ढह गए। कई लैब बंद कर दी गईं और भारी मात्रा में गोलियां जब्त की गईं। इसके बाद इस नशे का काला धंधा सेफ ठिकाने की तलाश में था, और अब उसकी मंजिल सूडान बनती नजर आ रही है।
कैसे पकड़ा गया फैक्ट्री का सुराग
सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल RSF (Rapid Support Forces) के बीच अप्रैल 2023 से चल रहे युद्ध के दौरान सेना ने खार्तूम के बाहर अल-जैली तेल रिफाइनरी के पास कब्जा किया। यहीं फरवरी में एक बंद फैक्ट्री पकड़ी गई, जिसमें पांच बड़ी मशीनें थीं। जिनमें से दो (टैबलेट प्रेस और मिक्सर) इस्तेमाल की जा चुकी थीं। इन मशीनों से रोज करीब 1000 कैप्टागन गोलियां तैयार होती थीं।
मशीनों के बॉक्स पर एक दुबई स्थित शिपिंग कंपनी की लेबलिंग मिली, लेकिन उसका ट्रैक रिकॉर्ड गायब है। फैक्ट्री के पास मिली केमिकल पाउडर की बोरियों पर पशु आहार सप्लीमेंट लिखा था। मगर ये पैकेट सीरिया में बने थे। यहां तक कि कंपनी का पता भी दमिश्क के उसी इलाके में था जहां साइंटिफिक रिसर्च सेंटर मौजूद है। इस सबने शक को गहराया कि कहीं ये कच्चा माल सीरिया से ही तो नहीं आ रहा।
RSF की भूमिका और खाड़ी देशों की कड़ी
RSF पर पहले भी आरोप लगे हैं कि वह लड़ाकों को सतर्क और भूख से निपटने के लिए कैप्टागन की सप्लाई करता है, और बची हुई गोलियां स्थानीय बाजार में बेचकर पैसा कमाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये नशा दुबई जैसे बंदरगाहों के रास्ते आ सकता है, जो कि रेड सी के जरिए सीधे खाड़ी देशों से जुड़ता है। यही वजह है कि UAE और RSF के आपसी रिश्तों को लेकर भी सवाल उठे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि सीरिया में गिरते कैप्टागन बाजार के बाद नशे की तस्करी के नेटवर्क सूडान की ओर मुड़े हैं। हालांकि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि अल-जैली की फैक्ट्री से बना माल खाड़ी देशों तक पहुंचा है, लेकिन उसके संकेत ज़रूर मिलते हैं। जांच अभी जारी है।