नई दिल्ली। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 21 फर्जी आधार कार्ड, छह पैन कार्ड और चार मतदाता पहचान पत्र बरामद किए। आगे की जांच में जनता प्रिंट्स नामक एक वेबसाइट की संलिप्तता का पता चला, जिसे 2022 से रजत मिश्रा नाम के एक व्यक्ति द्वारा संचालित किया गया था। इस प्लेटफॉर्म ने कथित तौर पर कम से कम 20 रुपये में जाली दस्तावेज़ बनाने की सुविधा प्रदान की थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में मुन्नी देवी भी शामिल है, जिस पर सिंडिकेट को मदद करने का संदेह है।
दिल्ली पुलिस ने संगम विहार हत्या मामले की जांच के बाद बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े एक अवैध आव्रजन रैकेट का पर्दाफाश किया है। दक्षिण जिले के डीसीपी अंकित चौहान ने खुलासा किया कि फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोपी छह व्यक्तियों के साथ पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। सफलता तब मिली जब यह पता चला कि हत्या का शिकार सेटन शेख फर्जी आधार कार्ड बनाने में बांग्लादेशी प्रवासियों की सहायता कर रहा था। संदेह शेख के सहयोगियों पर गया, जिससे यह स्वीकारोक्ति हुई कि हत्या वित्तीय विवादों और व्यक्तिगत शिकायतों से प्रेरित थी।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 21 फर्जी आधार कार्ड, छह पैन कार्ड और चार मतदाता पहचान पत्र बरामद किए। आगे की जांच में जनता प्रिंट्स नामक एक वेबसाइट की संलिप्तता का पता चला, जिसे 2022 से रजत मिश्रा नाम के एक व्यक्ति द्वारा संचालित किया गया था। इस प्लेटफॉर्म ने कथित तौर पर कम से कम 20 रुपये में जाली दस्तावेज़ बनाने की सुविधा प्रदान की थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में मुन्नी देवी भी शामिल है, जिस पर सिंडिकेट को मदद करने का संदेह है।
अधिकारियों ने खुलासा किया कि यह संगठित नेटवर्क बांग्लादेशी अप्रवासियों को जंगली रास्तों से भारत में प्रवेश करने में मदद करता है और उन्हें फर्जी आईडी, सिम कार्ड और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पुलिस टीमें सीमा पार कनेक्शन भी तलाश रही हैं और आगे की जांच के लिए बांग्लादेश में कर्मियों को तैनात किया है। क्या जाली मतदाता कार्डों का इस्तेमाल चुनावी धोखाधड़ी में किया गया था, इसकी जांच चल रही है।