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5 Feb 2025, Wed

बदायूं में एसएसपी दफ्तर के सामने खुद को आग लगाने वाले युवक का वीडियो, तड़पते हुए ये बोला

बदायूं। बदायूं में एसएसपी कार्यालय परिसर में खुद को आग लगाने वाले युवक ने अस्पताल में पहुंचकर पुलिस व नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीओ सिटी, सदर कोतवाल व नगर विधायक पर आरोप लगाते हुए युवक बोला कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है। युवक ने कहा कि सीओ सिटी ने डोडा में जेल भेजने की धमकी दी। फोन करके विधायक ने पुलिस पर आरोपियों पर कार्रवाई न करने का दबाव बनाया। अस्पताल में स्ट्रेचर पर ले जाते समय एसएसपी के सामने बोला- मेरे बयान दर्ज करो, लेकिन पुलिस ने उसे इलाज के लिए भेज दिया। बता दें कि मोहल्ला नई सराय निवासी गुलफाम (35) ने बुधवार को एसएसपी कक्ष के ठीक सामने खुद को आग लगी ली, जिससे वह 60 फीसदी तक झुलस गया। उसे बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास करने वाले नई सराय निवासी गुलफाम को जिला अस्पताल से जब रेफर किया जा रहा था तब स्ट्रेचर से एंबुलेंस की तरफ ले जाते समय उसे अपनी जान की परवाह नहीं थी। शरीर की खाल उधड़ी पड़ी थी। बावजूद इसके वह चीख-चीखकर कह रहा था कि कोतवाल ने गद्दारी की है। नगर विधायक का नाम भी उसने लिया।
एसएसपी के सामने कहा कि उसके बयान दर्ज किए जाएं। गुलफाम बोला कि 30 दिसंबर को उसके साथ घटना हुई। उसका ई-रिक्शा, मोबाइल, फोन और 2200 रुपये सभासद पति व उसके साथियों ने छीन लिए। युवक ने घटना करने वालों के नाम बताते हुए कहा कि सभी ने उसका ई-रिक्शा छीनकर घर में बंधक बना लिया। इसकी शिकायत कोतवाली में की, लेकिन कोतवाल ने मदद नहीं की।
थाने वालों ने कार्रवाई के बजाय उसके ऊपर ही दबाव बनाया। नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने कोतवाल राकेश सिंह को फोन करके आरोपियों पर कार्रवाई करने से मना कर दिया। सीओ संजीव कुमार ने दबाव बनाया, कहा कि दो किलो डोडा पाउडर में जेल भेज देंगे। बोला- पुलिस ने उसे बेबस और मजबूर कर दिया। इस कारण वह आत्महत्या के लिए मजबूर हुआ।
सात माह पहले भी कर चुका है आत्मदाह का प्रयास
गुलफाम सात माह पहले भी आत्मदाह का प्रयास कर चुका है। वह सात माह पहले एसएसपी कार्यालय पहुंचा था और आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने आग लगने से पहले ही उसे रोक लिया था। बावजूद इसके उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका। सात दिन पहले भी उसने आत्मदाह करने की धमकी दी थी। आरोप तमाम लगाए, लेकिन पुलिस सिर्फ पति पत्नी के बीच विवाद की बात कहकर मामले को हल्के में लेती रही।
पुलिस में मची खलबली, अस्पताल दौड़े अधिकारी
जैसे ही युवक ने खुद को आग लगाई तो पुलिस से लेकर अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में पुलिस की गाड़ी से ही उसे जिला अस्पताल भेजा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह समेत एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव, सीओ सिटी संजीव कुमार और उझानी जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने डॉक्टर से हालात के बारे में पूछा। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में उसे बरेली के लिए रेफर कराया। भाजपा के नगर विधायक महेशचंद्र गुप्ता ने बताया कि मैं तो उस युवक को जानता भी नहीं हूं। मुझे जानकारी मिली थी। उसके बाद मैंने पुलिस से पता किया तो पता चला कि वह पहले भी आत्मदाह का प्रयास कर चुका हैं। उसका पत्नी से विवाद चल रहा है। एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि युवक का ससुरालियों से दो साल से विवाद चल रहा है। इस मामले में कोतवाली, सिविल लाइंस और मुजरिया थाने में रिपोर्ट दर्ज है। दो दिन पहले इसके खिलाफ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उसी तनाव में युवक ने आत्मदाह करने की कोशिश की है। उसे बरेली के जिला अस्पताल में भेजा गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।

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