कोलकाता, एजेंसी। सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में फैसला सुनाने के लिए तैयार है। इस बीच मृतिका डॉक्टर के पिता ने कहा कि जो भी उचित सजा होगी वह अदालत द्वारा तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया।
पीड़िता के पिता ने कहा, ‘डीएनए रिपोर्ट में एक नहीं बल्कि चार लड़के और एक लड़की के होने की बात सामने आई है। आरोपियों को सजा मिलने पर हमें कुछ राहत मिलेगी। जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम अदालत का दरवाजा खटखटाते रहेंगे। हम देश के लोगों से भी समर्थन मागेंगे।’
सीबीआई पर लगाया आरोप
महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने सीबीआई पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में सीबीआई ने कुछ नहीं किया। यहां संतुष्टि का कोई सवाल ही नहीं है। हमने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई सवाल उठाए। हमने कोर्ट से इसका जवाब मांगा है। हमने सीबीआई से जवाब नहीं मांगा, लेकिन कोर्ट ने सारी जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी।’
आरजी कर पीड़ित के पिता ने कहा, “इन दो महीनों में अदालत ने सभी सबूतों की समीक्षा की। जो भी उचित सजा होगी वह अदालत तय करेगी।” पिता ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कानून मंत्री को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन उनमें से किसी से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
पिछले साल नवंबर में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओ के संबंध में आरोपपत्र दायर किया। इस आरोपपत्र में संदीप घोष समेत डॉ. आशीष कुमार पांडे, बिप्लप सिंघा, सुमन हाजरा और अफसर अली खान का नाम शामिल है। यह जांच कलकत्ता हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद शुरू की गई थी।