यरुशलम, एजेंसी। इजराइल हिजबुल्लाह में चले लंबे युद्ध के बाद हुए सीजफायर की मियाद कल यानी 26 जनवरी को पूरी हो गई। समझौते के तहत इजराइल को 60 दिनों के अंदर लेबनानी गांवों से अपनी सेनाएं हटानी थी, लेकिन इजराइल ने कुछ क्षेत्र पर अभी तक अपना कब्जा जमाए रखा है। जहां लेबनान का समझौता गाजा समझौते से कई महीने पहले हो गया था, लेकिन इसको पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है।
इजराइली सेना का कहना है कि लेबनानी सेना गांवों पर अपने कंट्रोल में देरी कर रही है, इसलिए उसकी सेनाएं वहां है। क्योंकि इजराइल को डर है कि यहां फिर हिजबुल्लाह कंट्रोल न जमा ले। गाजा में हमास अपना कंट्रोल वापस ले चुका है, लेकिन इजराइल अपने लेबनान बॉर्डर पर हिजबुल्लाह की वापसी नहीं चाह रहा है और इसके लिए उसने सीजफायर की शर्तों को उल्लंघन किया है और अब इसकी मियाद को भी अमेरिका ने बढ़ा कर 18 फरवरी कर दिया है। सीजफायर डेडलाइन के 60 दिन पूरे होने के बाद लेबनानी नागरिकों ने सेना के पीछे हटने का इंतजार किए बिना अपने गांव को लौटना शुरू किया, जिसके बाद इजराइली सेना ने उनकी वापसी को रोकने के लिए गोलियां चलाई। इजराइल गोलाबारी में करीब 22 लोगों की मौत हो गई है, 100 लोग घायल हुए हैं और कई को डिटेन किया गया है। तनाव बढ़ने के बाद व्हाइट हाउस ने सीजफायर की डेडलाइन को 18 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है।
इजराइली टैंकों के सामने डटे लेबनानी नागरिक
अपने घरों को लौट रहे लेबनानी नागरिक इजराइली टैंक और सेना के सामने निहत्थे ही डट गए और सेना को पीछे करने के लिए आगे बढ़ने लगे। वापस लौट रही नागरिकों की गाढ़ियों पर हिजबुल्लाह लेबनान के झंडे लगे दिखाई दिए। परिणामस्वरूप, लेबनानी नागरिकों और लेबनानी सेना दोनों के शहरों में प्रवेश करने के बाद, कई गांवों से इजराइली सेना वापस चली गई। फिर भी, इजराइली सेना कुछ गांवों में अभी भी मौजूद है।
18 फरवरी तक बढ़ाई तारीख
व्हाइट हाउस की प्रेस रिलीज में कहा गया, “लेबनान और इजराइल के बीच व्यवस्था, जिसकी निगरानी संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा की जा रही है, 18 फरवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगी।” इसके अलावा, वाशिंगटन ने ऐलान किया कि लेबनान सरकार अमेरिका की मध्यस्थता में इजराइल के साथ बातचीत शुरू करेगी। वार्ता का यह दौर 7 अक्टूबर, 2023 के बाद इजराइल की ओर से हिरासत में लिए गए लेबनानी नागरिकों की रिहाई से संबंधित होगा।
बाद में, कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के कार्यालय ने पुष्टि की कि यह व्यवस्था 18 फरवरी तक लागू रहेगी। मिकाती के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दक्षिण में नवीनतम घटनाक्रम पर संसद अध्यक्ष नबीह बेरी और राष्ट्रपति जोसेफ औन से अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता के परिणामों पर चर्चा की है।