लेटेस्ट न्यूज़
23 Feb 2025, Sun

ट्रंप की विध्वंसक नीति के विरोध में अरब देश, क्या फिर सुलगेगा मिडिल ईस्ट?

गाजा, एजेंसी। गाजा के लिए ट्रंप ने विध्वंसक नीति बनाई है, जिसके विरोध में अरब देश उतर आए हैं। हांलाकि इस बीच युद्धविराम को बढ़ाने की कोशिश शुरू हो गई है। कतर में इजराइल के प्रतिनिधि पहुंच गए हैं, लेकिन अरब देशों की शर्त है कि अगर गाजा से लोगों का विस्थापन नहीं रुका तो अरब देश साथ नहीं देंगे। इसका सीधा मतलब है, मध्य-पूर्व में हालात बिगड़ने वाले हैं, जिससे अरब एक बार फिर सुलग सकता है।
गाजा से लेकर वेस्टबैंक तक भारी तबाही मची हुई है। वेस्टबैंक से लेकर लेबनान तक बम बरसाए जा रहे हैं। इतनी भीषण तबाही देखकर अरब देश क्रोधित हो रहे हैं। अब फिर से युद्धविराम को लेकर बातचीत शुरू हो सकती है, लेकिन ट्रंप और नेतन्याहू का रुख बदलेगा इसका भरोसा नहीं है।
बंधकों की स्थिति देखकर ट्रंप गुस्से में हैं। गाजा से भागे लोग लौटने लगे हैं। हमास लड़ाके ठिकानों से बाहर निकलने लगे हैं। लेबनान में भी हिज्बुल्लाह मजबूत होता जा रहा है। ईरान लगातार प्रॉक्सी गुटों को हथियार पहुंचा रहा है, ऐसे में ट्रंप गाजा को समतल बनाने का आदेश दे सकते हैं, जबकि बेंजामिन नेतन्याहू पहले से बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच ट्रंप ने बयान जारी किया है।
गाजा में बंद हो चुके हमले
पांचवीं खेप में छोड़े गए बंधक दयनीय स्थिति में मिले। उनकी शक्ल देखकर सब्र जवाब दे रहा है। ट्रंप का कहना है कि हमास ने बंधकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। क्रूरता की सीमा लाघ दी। इसकी कीमत हमास को चुकानी होगी। इसके जवाब में हमास ने भी इजराइल की जेलों से छोड़े गए लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें पहले और अब की फोटो को सोशल साइट पर डाला है, लेकिन इजराइल ने हमले बंद नहीं किए हैं। हमास और हिज्बुल्लाह ने दावा किया है कि इजराइल ने लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया है।
इजराइल के मुताबिक अभी मौजूदा परिस्थितियां इस तरह हैं कि गाजा में युद्ध विराम पर हुए समझौते के तहत हमले बंद हो चुके हैं और सीजफायर के दूसरे चरण में दोनों पक्ष पहुंच गए हैं। गाजा में लोग लौटने लगे हैं, जो आम जिंदगी जीते नजर आ रहे हैं, लेकिन गाजा में फिर से हमास के लड़ाके नजर आ रहे हैं, उनके साथ हाथ में बंदूक लिए बच्चे भी दिख रहे हैं। बंधकों की स्थिति को लेकर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। अब ट्रंप ने इजराइल को हथियार बेचने की मंजूरी भी दे दी है। ट्रंप के बयान के खिलाफ फिलिस्तीन में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही हमास का गुस्सा उन सामूहिक कब्रों को देखकर उबल रहा है, जिन्हें इजराइली फोर्स ने बनाया है, जबकि ट्रंप गाजा को एक टूरिस्ट हब बनाने के प्लान पर काम कर रहे हैं, जिसके विरोध में अरब देश उतर आए हैं।

सऊदी ने अमेरिकी नीतियों की निंदा
सऊदी अरब की तरफ से कहा गया है कि हम अमेरिकी नीतियों की निंदा करते हैं। गाजा में किसी भी तरह की अमेरिका और इजराइली नीति को मंजूरी नहीं दी जाएगी, जिससे फिलिस्तीनियों को शामिल नहीं किया जाए। इस बीच इजराइल का एक प्रतिनिधि मंडल कतर पहुंच गया है, जिससे गाजा में अपनी रणनीति को बढ़ाने पर अरब देशों को तैयार किया जा सके। हांलाकि बेंजामिन और ट्रंप के प्लान को मानने से कतर, जॉर्डन और मिस्र इनकार कर चुके हैं, जिसके तहत गाजा के लोगों को इन देशों में विस्थापित किया जाना था। अब सवाल उठ रहा है कि जब अरब देश फिलिस्तिनियों को शरणार्थी बनाने से इनकार कर रहे हैं और अमेरिका-इजराइल उन्हें गाजा में वापस नहीं देखना चाहते तो वो हजारों-लाखों लोग कहां जाएंगे, जबकि अब अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने गाजा के लिए मानवीय सहायता पर भी रोक लगा दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *