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2 Aug 2025, Sat

मुंबई 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट से झटका

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उसकी प्रत्यर्पण रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई है। राणा ने कोर्ट में आपातकालीन अर्जी लगाते हुए भारत को उसके प्रत्यर्पण का विरोध किया था और दावा किया था कि चूंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है, इसलिए उसे वहां यातना दी जाएगी। याचिका खारिज होने से राणा का भारत प्रत्यर्पण आसान हो गया है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस के समक्ष आपातकालीन स्थगन आवेदन दायर किया था। याचिका में राणा ने तर्क दिया कि भारत को उसका प्रत्यर्पण अमेरिका के कानून और टॉर्चर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का उल्लंघन है।
याचिका में यह भी कहा गया कि उसकी गंभीर चिकित्सा स्थिति के कारण उसे भारतीय हिरासत केंद्रों में प्रत्यर्पित करना, वास्तविक मौत की सजा के समान है। राणा ने पिछले साल जुलाई 2024 के मेडिकल रिकॉर्ड का हवाला देकर बताया कि उसे कई गंभीर और जानलेवा रोग हैं।
रिपोर्ट में कई बार दिल का दौरा पड़ना, संज्ञानात्मक गिरावट के साथ पार्किंसंस रोग, मूत्राशय कैंसर का संकेत देने वाला एक द्रव्यमान, स्टेज-3 गंभीर गुर्दा रोग, और गंभीर अस्थमा का इतिहास और कई कोविड-19 संक्रमण शामिल हैं। बता दें कि राणा ने एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अपना आवेदन दायर किया था।
राणा के पास प्रत्यर्पण से बचने का ये आखिरी कानूनी विकल्प था। अब उसके भारत आने की संभावना प्रबल है।
इस साल 25 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
इससे पहले 21 जनवरी को कोर्ट ने राणा की निचली कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने की अपील को खारिज किया था।
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा की थी।
राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उसने मेडिकल की पढ़ाई की है और पाकिस्तान सेना में 10 साल डॉक्टर रह चुका है।
1997 में वह कनाडा चला गया, जिसके 3 साल बाद उसने अमेरिका के शिकागो में इमीग्रेशन का काम शुरू किया।
उसके पास कनाडाई नागरिकता है, लेकिन वह शिकागो में रहता है।
राणा पर आरोप है कि उसने 2006 से लेकर नवंबर, 2008 तक पाकिस्तान में मुंबई हमलों के मास्टरमांइड डेविड हेडली के साथ मिलकर पूरी साजिश रची।
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। तब समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज होटल समेत 6 जगहों पर हमले किए थे।
हमले में विदेशी नागरिकों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई सैंकड़ों घायल हुए थे। 4 दिनों तक तक चले आतंकरोधी अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया था।
इसी तरह एक जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई थी।

By Aryavartkranti Bureau

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