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12 Mar 2025, Wed

वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष, राज्यसभा से किया वॉकआउट

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की आज से शुरुआत हो गई। पहले दिन संसद में वोटर लिस्ट का मुद्दा छाया रहा और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर राज्यसभा में नारेबाजी और वॉकआउट किया। विपक्ष वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। हालांकि राज्यसभा उप-सभापति ने चर्चा की मांग खारिज कर दी। सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने विपक्षी सदस्यों के इस व्यवहार की निंदा की और आसन से आग्रह किया कि वह नेता प्रतिपक्ष सहित सभी सदस्यों को ‘रिफ्रेशर’ कोर्स करवाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते वे नियमों के तहत हों।
राज्यसभा में क्या हुआ
राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव, परिसीमन, भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका से फंडिंग सहित कुछ मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत 12 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। इसके बाद कांग्रेस और तृणमूल के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों आसन के निकट आ गए और हंगामा करने लगे। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्य आसन के निकट आकर लोकसभा सीटों के परिसीमन से दक्षिण के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे। उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात रखने को कहा। जिसके बाद खरगे ने बोलना शुरू ही किया था कि हरिवंश ने कहा कि वह खारिज किए जा चुके नोटिस से सबंधित मुद्दे नहीं उठा सकते। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने कुछ देर तक विरोध प्रदर्शन किया और फिर सदन से वॉकआउट किया।
जेपी नड्डा ने कहा- यह विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना रवैया
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने वॉकआउट को विपक्ष का ‘गैर जिम्मेदाराना व्यवहार’ करार दिया और सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे सहित विपक्षी सांसदों को सदन के नियमों पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने सभापति के विस्तृत फैसले के बावजूद नियम 267 के तहत विपक्षी सांसदों द्वारा नोटिस देने की प्रथा को ‘संसद की संस्था को नीचा दिखाने का शातिर इरादा’ करार दिया। उन्होंने कहा, विपक्ष को बहस में कोई दिलचस्पी नहीं है। वे बस ये दिखाना चाहते हैं कि सरकार सवालों के जवाब नहीं देना चाहती है या बहस से बचना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सांसदों को अगले 10 दिनों में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान अपने मुद्दों को उठाने का मौका मिलेगा। उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा कि वे पहले नियमों को पढ़ें और बहस करना सीखें। उन्होंने कहा, ‘यह विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है। एक तरह से यह संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने का प्रयास है।’
संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था। दूसरा भाग आज आरंभ हुआ जो चार अप्रैल तक प्रस्तावित है।

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