नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए एक नए उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) की स्थापना करेगी, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए की।
AI के तीन केंद्रों की पूर्व घोषणा
बजट भाषण के दौरान, सीतारमण ने कहा, “मैंने 2023 में कृषि, स्वास्थ्य और सतत शहरों (Sustainable Cities) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तीन उत्कृष्टता केंद्रों की घोषणा की थी। अब, शिक्षा के क्षेत्र में AI के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसका कुल बजट 500 करोड़ रुपये होगा।”
घरेलू विनिर्माण और उद्योग 4.0 को मिलेगा बढ़ावा
सरकार घरेलू विनिर्माण क्षमता (domestic manufacturing capacity) को भी समर्थन देगी, और इसके लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। इंडस्ट्री 4.0 में अपार संभावनाएं हैं, जिसके लिए उच्च कौशल (high skills) और प्रतिभा की आवश्यकता होगी।
युवाओं के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र
सीतारमण ने युवाओं को इंडस्ट्री-रेलेवेंट स्किल्स (उद्योग से जुड़े कौशल) प्रदान करने के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (National Centres of Excellence for Skilling) की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “इन केंद्रों की स्थापना वैश्विक भागीदारी (global partnerships) के साथ की जाएगी, जिससे ‘Make for India’ और ‘Make for the World’ को बढ़ावा मिलेगा।” इन केंद्रों में नए पाठ्यक्रमों का निर्माण, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, एक कौशल प्रमाणन (skill certification) ढांचा और नियमित मूल्यांकन जैसे घटकों को शामिल किया जाएगा।
AI के बढ़ते प्रभाव और नौकरियों पर चिंता
दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच, कई क्षेत्रों में नौकरियों के प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने आगाह किया कि भारत में कम-कौशल (low-skill) और कम-मूल्य वर्धित (low-value-added) सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी AI के कारण सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। रिपोर्ट में “मजबूत संस्थानों” (robust institutions) के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जो मध्यम और उच्च-कौशल नौकरियों की ओर श्रमिकों को स्थानांतरित करने में मदद कर सकते हैं।