वॉशिंगटन, एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ऐलान किया कि पनामा नहर अब अमेरिका के कब्जे में है। ट्रेड वार की शुरुआत में ये ट्रंप की ओर से चीन दी गई पहली पटखनी माना जा रहा है। बता दें कि अमेरिका कंपनी ब्लैक रॉक ने पनामा नहर के मेजोरिटी शेयर खरीद लिए हैं। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “पनामा नहर अमेरिकियों ने अमेरिकियों के लिए बनाई थी, दूसरों के लिए नहीं, लेकिन दूसरे लोग इसका इस्तेमाल कर सकते थे। ” ट्रंप ने बिना कोई तर्क दिए यह निराधार दावा भी किया कि चीन का नहर पर कोई प्रभाव या नियंत्रण है।
हांगकांग स्थित कंपनी ने पनामा नहर पर दो प्रमुख बंदरगाहों में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी अमेरिकी फर्म ब्लैकरॉक को बेच दी है। ये डील राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के कई हफ्तो बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नहर चीन के नियंत्रण में है और अमेरिका को प्रमुख शिपिंग मार्ग का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेना चाहिए।
कितने में हो रही डील?
अमेरिका कंपनी ब्लैक रॉक ने ये हिस्सेदारी करीब 22। 8 बिलियन डॉलर में अपने नाम की है। हांगकांग के अरबपति ली का-शिंग की कंपनी CK हचिसन का स्वामित्व चीनी सरकार के पास नहीं है, लेकिन हांगकांग में इसका आधार होने का मतलब है कि यह चीनी वित्तीय कानूनों के तहत काम करता है। इसने 1997 से बंदरगाहों का संचालन किया है। इस सौदे में दुनिया भर के 23 देशों में कुल 43 बंदरगाह शामिल हैं, जिनमें दो नहर टर्मिनल भी हैं। इस सौदे के आखिरी रूप के लिए अभी पनामा सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
पनामा नहर
82 किमी लंबी पनामा नहर सेंट्रल अमेरिका को काटती है और अटलांटिक और पैसिफिक महासागरों के बीच मुख्य रास्ता है। हर साल 14 हजार जहाज इससे होकर गुजरते हैं, जिनमें कार, प्राकृतिक गैस और अन्य सामान ले जाने वाले कंटेनर जहाज और सैन्य जहाज शामिल हैं।
पनामा कैनाल का निर्माण 1900 के दशक की शुरुआत में हुआ था। अमेरिका ने 1977 तक नहर क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखा, लेकिन संधियों ने धीरे-धीरे इस क्षेत्र को पनामा को वापस दे दिया। संयुक्त नियंत्रण की तारीख पूरी होने के बाद पनामा ने 1999 में नहर पर अकेले नियंत्रण कर लिया।