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16 Mar 2025, Sun

गुगल का कर्मचारियों को 60 घंटे काम करने का आदेश, कहा- एआई रेस में झोंकनी होगी पूरी ताकत

नई दिल्ली, एजेंसी। आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) की दौड़ में शीर्ष पर बने रहने के लिए गूगल ने अपने कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ा दिया है। कंपनी के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन ने कर्मचारियों को एक आंतरिक मेमो में सप्ताह में 60 घंटे काम करने और हर दिन ऑफिस आने का निर्देश दिया है।
ब्रिन ने अपने मेमो में स्पष्ट किया कि गूगल एआई की प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने की क्षमता रखता है, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को पहले से कहीं अधिक समर्पण और कड़ी मेहनत दिखानी होगी। उनका यह आदेश ऐसे समय में आया है जब एजीआई के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है और गूगल किसी भी हालत में इस दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता है।
ब्रिन का यह निर्देश भारत के कुछ प्रमुख उद्योगपतियों की हालिया टिप्पणियों के अनुरूप है, जिन्होंने कर्मचारियों के लिए लंबे समय तक काम करने की वकालत की है। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने दशकों तक 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करने का उदाहरण दिया, जबकि एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने 90 घंटे तक काम करने की बात कही थी। इन बयानों ने सोशल मीडिया पर काम के घंटे और कार्य-जीवन संतुलन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी थी।
ब्रिन ने कर्मचारियों को न केवल लंबे समय तक काम करने के लिए कहा है, बल्कि दैनिक रूप से ऑफिस आने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों के लिए कार्यदिवस पर ऑफिस आना और अपनी उत्पादकता में वृद्धि करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने 60 घंटे के कार्य सप्ताह को आदर्श बताते हुए यह भी चेतावनी दी कि इससे अधिक काम करने पर कर्मचारियों में बर्नआउट का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रिन ने चिंता व्यक्त की कि कुछ कर्मचारियों द्वारा कम काम करने से टीम के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसे उन्होंने टीम वर्क के लिए हानिकारक बताया।
गूगल का यह कठोर कदम कंपनी की एजीआई डेवलपमेंट टीम द्वारा जेमिनी एआई पर किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्य के बीच आया है। ब्रिन का मानना है कि कर्मचारियों के सामूहिक और अधिक केंद्रित प्रयासों से गूगल एआई के क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति प्राप्त कर सकता है। उन्होंने वर्तमान समय को एजीआई की अंतिम दौड़ की शुरुआत के रूप में वर्णित किया है, जिसे गूगल जीतने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
ब्रिन के इस निर्णय से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि टेक कंपनियां अब हाइब्रिड वर्क पॉलिसी से धीरे-धीरे पीछे हट रही हैं और अपने कर्मचारियों को पूर्णकालिक रूप से ऑफिस में वापस लाने का प्रयास कर रही हैं। कार्य घंटों को बढ़ाने की यह प्रवृत्ति, कई अन्य कंपनियों द्वारा पहले अपनाई गई नीतियों के साथ मेल खाती है। 2022 में चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद एआई की प्रतिस्पर्धा में तेजी आई है। माइक्रोसॉफ्ट, ओपनएआई, और मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां भी एजीआई की दौड़ में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं, जिससे गूगल पर इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।

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