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12 Jul 2025, Sat

उन्नाव रेप पीड़िता की CRPF सुरक्षा हटाने की मांग पर अड़ा केंद्र, अब Supreme Court ने पीड़िता से मांगा जवाब

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बहुचर्चित माखी रेप कांड की पीड़िता, परिवार के सदस्यों और उसके वकीलों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है। इस जिम्मेदारी से सीआरपीएफ को हटाने की अनुमति के लिए केंद्र सरकार ने कोर्ट का रुख किया है। अब अदालत ने केंद्र की याचिका पर मंगलवार को पीड़िता और उसके परिवार से जवाब मांगा है।
गौरतलब है, भाजपा से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर साल 2017 में उन्नाव इलाके में नाबालिग लड़की का अपहरण और उसका दुष्कर्म करने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और अन्य लोगों को एक अगस्त 2019 को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने घटना के संबंध में दर्ज सभी पांच मामलों को लखनऊ की अदालत से दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया था।
केंद्र से शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को केंद्र की अर्जी दी जाए। पीठ ने यह भी कहा कि चूंकि खतरे की कोई आशंका नहीं है, इसलिए वह मामले को बंद करना चाहेगी।
यह दी गईं दलीलें
केंद्र के अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के खतरे के विश्लेषण के अनुसार किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश वकील रुचिरा गोयल ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद घटना के बाद मुकदमे सहित सभी चीजें दिल्ली स्थानांतरित कर दी गईं।
पीठ ने गोयल से जानना चाहा कि पीड़िता इस समय कहां रह रही है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि महिला और उसका परिवार दिल्ली में रहता है।

By Aryavartkranti Bureau

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