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12 Jul 2025, Sat

आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम को दिए डायरिया प्रबंधन के टिप्स

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

दरभंगा, सुपौल व पूर्णिया में चलाया जा रहा ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम

दरभंगा (बिहार)। शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बहादुरपुर में आशा कार्यकर्ताओं, आशा फैसिलिटेटर और एएनएम को डायरिया प्रबंधन के जरूरी टिप्स दिए गए। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 227 आशा कार्यकर्ताओं, 11 आशा फैसिलिटेटर और 57 एएनएम को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डायरिया की शीघ्र पहचान, बचाव, नियंत्रण और डायरिया में ओआरएस घोल और जिंक की महत्ता के बारे में प्रशिक्षित किया गया। जिले में 16 जून से 31 जुलाई तक चलने वाले डायरिया रोको अभियान की गतिविधियों के बारे में भी सभी से चर्चा की गई। फ्रंट लाइन वर्कर समुदाय स्तर पर डायरिया के प्रति जागरूकता की अलख जगाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के आखिरी दिन मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) शैलेश चंद्रा ने डायरिया प्रबंधन के बारे में जरूरी निर्देश दिए। सिविल सर्जन ने कहा कि सभी एएनएम समय का अनुपालन करते हुए अपने कार्यों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण दस्त है। समुदाय में व्यापक पैमाने पर इस बारे में जागरूकता और सही समय पर डायरिया की पहचान और जरूरी इलाज यानि ओआरएस का घोल और जिंक की सही मात्रा देकर बच्चे को सुरक्षित बनाया जा सकता है। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक ने सभी नवनियुक्त एएनएम का परिचय प्राप्त करते हुए,उन्हें प्रोग्राम में सम्पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ज्ञात हो कि पीएसआई इंडिया और केनव्यू के सहयोग से बिहार के तीन जिलों दरभंगा, सुपौल और पूर्णिया में ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है ।

इस दौरान पीएसआई इंडिया से संजय तरुण ने डायरिया की पहचान, प्राथमिक उपचार और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाथों की सही तरीके से स्वच्छता, ओआरएस एवं जिंक के साथ समय पर रोटा वायरस के टीकाकरण से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस मौके पर संस्थान के प्रभारी डॉ. तारिक मंजर, स्वास्थ्य प्रबंधक रेवती रमण प्रसाद, बीसीएम मनोज कुमार, पीएसआई इंडिया से अखिलेश कुमार और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

By Aryavartkranti Bureau

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