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20 Jan 2025, Mon

खुशी के लिए किसी पर न हो निर्भर, खुद के साथ समय बीताएं और खुश रहना सीखें

प्रभात पांडेय

कल से नया साल शुरू होने वाला है, नया साल हर किसी के लिए खास होता है इसलिए कई लोग नए साल में कुछ नया करने और अपनी कुछ पुरानी आदतों को छोड़ने का फैसला करते हैं। नए साल में अपनी कुछ आदतों में सुधार करने से जीवन में नई आशाएं और उम्मीदें पैदा होंगी। ऐसा माना जाता है कि नए साल की शुरुआत में पूरा साल एक जैसा बीतता है। इसी वजह से लोग पूरे साल को खुशी से बिताने के लिए नए साल में खुद से कई वादे करते हैं। अगर आप अपनी जिंदगी में वाकई खुशी लाना चाहते हैं तो कुछ खास बातों को गांठ बांधकर याद कर लीजिए। इससे दुख आपकी जिंदगी से माइनस हो जाएंगे और खुशियां प्लस हो जाएंगी।
हम सभी चाहते हैं कि खुशियां हमेशा जीवन का हिस्सा बनी रहें। इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम रोज सुबह उठकर देर रात तक मेहनत करते हैं। ये सारी मेहनत इसलिए ताकि खुश रह सकें, लेकिन फिर भी खुशी नहीं मिलती है बल्कि, इस कारण से अक्सर तनाव या अवसाद का शिकार बन जाते हैं।
इसलिए इस बात को समझना जरूरी है कि खुशी किसी एक बड़े काम से नहीं बल्कि, रोज के छोटे-छोटे कामों से मिलती है, जैसे- अपनी पसंदीदा डिश खाने के बाद हमें खुशी मिलती है या अपने किसी पुराने दोस्त से मिलने से खुशी का अनुभव होता है। खुश कैसे रह सकते हैं, इस बारे में कई लेखकों और इंफ्लूएंसर्स ने अपने-अपने अनुभव शेयर किए हैं, किताबें लिखी हैं, जिनमें ऐसा दावा किया जाता है कि इन तरीकों से खुश रहा जा सकता है।
वैसे तो, हर व्यक्ति के लिए खुशी के मायने अलग होते हैं, लेकिन खुशी क्या है और कैसे व्यक्ति खुश रह सकता है इस बारे में वैज्ञानिक टैली शैरोट और कैस आर संस्टीन ने काफी रिसर्च की और एक किताब लिखी। इस किताब का नाम है- ‘लुक अगेनः द पॉवर ऑफ नोटिसिंग, व्हाट वॉज ऑलवेज देयर’। इस किताब में उन्होंने खुश रहने के कुछ वैज्ञानिक तरीके बताए हैं, जो आपकी खुशी की खोज को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं। अक्सर जब हम रोज एक ही काम को एक ही तरीके से करते रहते हैं, तो हमारा दिमाग उस पर ध्यान देना बंद कर देता है। आपने ध्यान दिया होगा और अगर नहीं दिया तो अब सोचिए कि रोज घर से ऑफिस आते समय आप रास्ते में आने वाली कितनी चीजों पर ध्यान देते हैं। इसलिए अपने रूटीन में नयापन लाने के लिए नई चीजों को ट्राई करें। जैसे – ऑफिस आने के लिए किसी नए रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं या आप कोई नई डिश ट्राई कर सकते हैं।
किसी नई जगह पर घूमने जा सकते हैं। ऐसा करने से न केवल रोजमर्रा के जीवन में कुछ अलग होगा बल्कि, आपको नए अनुभव भी मिलेंगे, जो आपको खुशी दे सकते हैं।
अक्सर हम बोर होते हैं, तो अपना फोन खोलकर बैठ जाते हैं और उस पर घंटों बैठकर सोशल मीडिया स्क्रॉल करते रहते हैं। कुछ फनी मीम देखने से आपको उस समय हंसी आ सकती है, लेकिन इससे आपको खुशी नहीं मिलती है और घंटो डूम स्क्रॉलिंग की वजह से काफी समय भी बरबाद होता है। इसके बदले आप कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं। अगर आप किताबें पढ़ना पसंद नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आपको शुरुआत में यह काफी बोरिंग लगे, लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत बनाने के बाद आप कभी किताब पढ़ने को बोरिंग नहीं कहेंगे। किताबें आपके लिए नई दुनिया का रास्ता खोलती हैं और आपको नए तरीके से सोचने और चीजों को देखने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही, आप चाहें तो फिल्में देखना, थिएटर, म्यूजियम आदि को भी अपने जीवन का हिस्सा बना सकते हैं।
जहां कई चीजें आपको खुशियां देतीं हैं वहीं कई बातें हैं जो हमारे मन को दुखी करती हैं और उन आदतों को हमें छोड़ना होगा जैसे अगर आप अपने आस-पास वालों से ज्यादा उम्मीद करते हैं तो यकीन तौर पर आपको दुख ही मिलेगा। दूसरों से ज्यादा उम्मीद करना दुख का कारण बनता है। इसलिए उम्मीद ना करें और हर मुमकिन परिस्थिति से लड़ने की ताकत पर यकीन करें। अपने आप पर यकीन करेंगे तो जाहिर तौर पर आप खुशी के हकदार होंगे। कई बार आप लोगों से इस कदर नाराज हो जाते हैं कि हर वक्त उनके बारे में सोच सोच कर दुखी हो जाते हैं। ऐसा करना बिल्कुल गलत है। अपना कीमती वक्त ऐसे लोगों पर बर्बाद ना करें, जिन्हें आप पसंद नहीं करते। इसकी बजाय उन लोगों के साथ समय बिताएं जिनके साथ आपको अच्छा लगता है। नफरत करके आप केवल दुखी होंगे जबकि मनपसंद लोगों के साथ आपको खुशी मिलेगी।
कुछ लोगों को खुद के साथ वक्त बिताना बहुत पसंद होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए दुनिया में इससे मुश्किल काम कोई नहीं हो सकता। ऐसे लोग अकेलेपन या अकेले रहने से दूर भागते हैं और हमेशा किसी न किसी की कंपनी तलाशते रहते हैं, फिर चाहे वे बात करने के लिए हो या कहीं घूमने के लिए। हालांकि, इस आदत में कोई बुराई नहीं है। मगर यह आपकी निर्भरता दूसरों पर बढ़ाकर आपके आत्मविश्वास को चोट पहुंचा सकता है। हमेशा खुशियों के लिए दूसरों का सहारा ढूंढने वाले लोग अकसर भावनात्मक रूप से चोटिल होते रहते हैं। और फिर तनाव के शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहती हैं, तो जरूरी है कि आप अपने साथ खुश रहना सीख लें। जी हां, यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है।
आजकल लोग दूसरों से तुलना करके अपने आपको कमतर समझते हैं और इसी वजह से वो दुखी रहना शुरु कर देते हैं। इस बात को अब आपको समझ लेना चाहिए कि हर इंसान दूसरों की तुलना में अलग होता है। किसी की कोई खूबी होगी तो कोई किसी और काम में माहिर होगा। इसलिए अपने साथ वालों से तुलना मत कीजिए और अपने अंदर का अच्छा इंसान बाहर निकालिए। इससे आपको खुश रहने के मौके मिलेंगे। साथ ही साथ अगर आप भी आने वाले कल की चिंता में दुखी होकर दुबले हो जाते हैं तो कोशिश करें कि आज के वक्त को भरपूर जिएं। आने वाला वक्त अपने आप अच्छा हो जाएगा। हालांकि भविष्य को लेकर आशावादी रहें और पूरी मेहनत करें लेकिन चिंता करना किसी चीज का हल नहीं है।

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