लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘शिक्षक धन्यवाद समारोह’ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने पहले आईसीएससीई बोर्ड के 10वीं-12 वीं के टॉपर्स, जेईई मेन टॉपर स्टूडेंट्स और फिर शिक्षकों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा केवल अच्छे अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसे नैतिक मूल्यों, संस्कारों और राष्ट्र प्रथम की भावना से भी जोड़ना चाहिए। हम अक्सर शिक्षा को अंकों तक ही सीमित कर देते हैं। जबकि इसका उद्देश्य जीवन निर्माण है। ऐसा जीवन जो देश के लिए उपयोगी हो। समाज के लिए प्रेरणा हो। शिक्षा को संस्कारों और राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़ने पर ही विकसित भारत की नींव रखी जा सकती है।
अपने संबोधन में सीएम योगी ने देश की वैदिक परंपराओं की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारा वैदिक उद्घोष माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या: रहा है। प्रधानमंत्री उसी भावना को ‘नेशन फर्स्ट’ के सिद्धांत में दोहरा रहे हैं। हमें भी इसी सिद्धांत के साथ जीवन के हर क्षेत्र में कार्य करना चाहिए। यह काम सिर्फ देश के नेतृत्व, सेना के जवानों और प्रशासनिक अफसरों का ही नहीं है। बल्कि, शिक्षकों का भी होना चाहिए।
छात्रों में देशभक्ति और नैतिकता भी रोपें शिक्षक
सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि जब युवाओं के भीतर राष्ट्र के प्रति श्रद्धा का अभाव होता है, तभी देशविरोधी विचार पनपते हैं। इसलिए, शिक्षकों का उत्तरदायित्व बनता है कि वह न केवल ज्ञान दें, बल्कि छात्रों में देशभक्ति और नैतिकता भी रोपें।
‘शिक्षा केवल अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए…’, सीएम योगी बोले- इसे राष्ट्र की भावना से जोड़ना जरूरी
