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21 Nov 2025, Fri

भारत पर गर्व करने वाला हर शख्स हिंदू, हिंदू राष्ट्र घोषित करना जरूरी नहीं: मोहन भागवत

नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो भारत पर गर्व करता है, वह हिंदू है। उन्होंने हिंदू को सिर्फ एक धार्मिक नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत पहचान बताया है। भागवत ने कहा कि भारत और हिंदू एक ही हैं। उन्होंने भारत को स्वाभाविक रूप से ‘हिंदू राष्ट्र’ करार दिया और आरएसएस के चरित्र निर्माण व एकता के लक्ष्य पर जोर दिया।
मोहन भागवत ने गुवाहाटी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है, इसकी सभ्यता पहले से ही इसे जाहिर करती है। उन्होंने कहा कि हिंदू सिर्फ धार्मिक शब्द नहीं बल्कि एक सभ्यतागत पहचान है, जो हजारों साल की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ी है।
भारत को वैश्विक नेता बनाने हुई थी संघ की स्थापना
उन्होंने कहा, भारत और हिंदू पर्यायवाची हैं। भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ होने के लिए किसी आधिकारिक घोषणा की आवश्यकता नहीं है। इसकी सभ्यतागत प्रकृति पहले से ही इसे दर्शाती है। भागवत ने कहा कि आरएसएस की स्थापना किसी का विरोध करने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और भारत को वैश्विक नेता बनाने में योगदान देने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, विविधता के बीच भारत को एकजुट करने की पद्धति को आरएसएस कहा जाता है।
घुसपैठ पर भागवत ने जताई चिंता
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से जुड़ी चिंताओं से निपटने के लिए आत्मविश्वास, सतर्कता और अपनी भूमि और पहचान के प्रति दृढ़ लगाव का आह्वान किया है। उन्होंने अवैध घुसपैठ, हिंदुओं के लिए तीन बच्चों के मानदंड सहित एक संतुलित जनसंख्या नीति की आवश्यकता और विभाजनकारी धर्मांतरण का विरोध करने के महत्व जैसे मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि हमें आत्मविश्वास, सतर्कता और अपनी जमीन-संस्कृति से मजबूत लगाव रखना चाहिए। साथ ही कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए।

By Aryavartkranti Bureau

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