सीरिया। सीरिया में बशर अल असद के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने जोर दिया की उनके सैद्धांतिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और वे सीरिया के लिए अपना समर्थन जारी रखेंगे। सीरिया पाकिस्तान के लिए मिडिल ईस्ट का ‘गेटवे’ रहा है और यहां किसी भी तरह का परिवर्तन पाकिस्तान के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
2011 में शुरू हुए असद विरोधी प्रदर्शनों के बाद से पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और आलोचनाओं के बावजूद असद सरकार का समर्थन किया है। राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए भी पाकिस्तान का महत्व रूस और ईरान से कम नहीं रहा। पाकिस्तान सीरिया संकट को हल करने में अपनी भूमिका निभाता रहा है, 2011 के बाद पाकिस्तान की सीरिया में मौजूदगी और मजबूत हुई है। पाकिस्तान और सीरिया दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि पर आधारित हैं। आधुनिक पाकिस्तान और सीरिया का क्षेत्र चीन को यूरोप से जोड़ने वाले सिल्क रूट का हिस्सा है।अब जब असद की सत्ता जा चुकी है, तो पाकिस्तान को अपने गेटवे छिनने का डर सता रहा है।
बुरे समय में पाकिस्तान ने दिया साथ
दिसंबर 2015 में जब सीरिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया था, तब पाकिस्तान ने असद सरकार को हटाने के प्रयासों और आह्वानों का समर्थन करने से इनकार कर दिया था और दमिश्क के पाकिस्तान इंटरनेशनल स्कूल में अपना काम जारी रखा था। ये स्कूल सीरिया के अच्छे स्कूलों में शुमार है। उस समय सीरिया में पाक के राजदूत सईद मोहम्मद खान ने कहा था, “जब भी संभव होता है हम सीरियाई लोगों की मदद करने की कोशिश करते हैं और इसके परिणामस्वरूप हमारे रिश्ते मजबूत हुए हैं।” पाकिस्तान ने कोविड-19 के समय कोविड इक्विपमेंट को सीरिया पहुंचाने और 2020 में तटीय क्षेत्रों के पास जंगल में लगी आग से हुए नुकसान से निपटने में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके अलावा पिछले साल उत्तरी सीरिया में आए भूकंप में भी पाकिस्तान ने सीरिया की मदद की थी।
पाकिस्तान के लिए क्यों खास है सीरिया?
पाकिस्तान के बशर अल-असद शासन को समर्थन करने के पीछे एक खास कूटनीतिक और रणनीतिक एंगल छिपा था। पाकिस्तान ने असद काल में अपने कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाया है। पाक के हितों के लिए सीरिया के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना बेहद जरूरी था, क्योंकि मिडिल ईस्ट में पाक के लिए सीरिया एक गेटवे की तरह हैं। यहां की सत्ता में परिवर्तन पाकिस्तान के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। दोनों देशों के बीच सैन्य, व्यापारिक और रणनीतिक क्षेत्रों में कई संभावनाएं है।
इतिहास में अच्छे रहे हैं रिश्ते
पाकिस्तान के रिश्ते सीरिया के साथ असद परिवार के शासन ही नहीं बल्कि उससे पहले से अच्छे रहे हैं। पाकिस्तान और सीरिया के पूर्व में रिश्ते सैन्य सहयोग और धर्म पर ज्यादा आधारित थे। 1967 और 1973 की जंग के दौरान सीरिया पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग देखने मिला था। पाकिस्तानी पायलटों ने सीरिया की ओर से लड़ाई की थी और इजराइल के खिलाफ सीरियाई विमानों को उड़ाया था।