नई दिल्ली, एजेंसी। जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल 254 अरब डॉलर की भारतीय आईटी उद्योग की उत्पादकता अगले पांच साल में 43-45 फीसदी बढ़ा सकती है। उत्पादकता में यह वृद्धि 500 भूमिकाओं तक फैलेगी। कंसल्टिंग फर्म ईवाई इंडिया की ओर से किए गए एक सर्वे के मुताबिक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस जैसी शीर्ष आईटी कंपनियां नए प्रोजेक्ट में एआई का इस्तेमाल कर रही हैं। शीर्ष आईटी कंपनियों के 89 फीसदी क्लाइंट ने जेनरेटिव एआई प्रोजेक्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है, जिनमें से 33 फीसदी पहले से ही उत्पादन में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसी
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में सर्वाधिक वृद्धि संभव
सर्वे में कहा गया है कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट भूमिकाओं में उत्पादकता में सबसे अधिक करीब 60 फीसदी वृद्धि होगी। इसके बाद बीपीओ सेवाओं में 52 फीसदी और आईटी परामर्श में 47 फीसदी सुधार होगा। यह तिकड़ी (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बीपीओ सेवाएं और आईटी परामर्श) तकनीकी सेवाओं की समग्र उत्पादकता के सुधार में 50-60 फीसदी का योगदान देगी।
लागत घटाने और राजस्व बढ़ाने में भी मिलेगी मदद
ईवाई इंडिया के प्रौद्योगिकी परामर्श भागीदार अभिनव जोहरी ने कहा, कंपनियां प्रयोग से आगे बढ़कर बड़े पैमाने पर उत्पादन में एआई का उपयोग कर रही हैं। यह बदलाव एआई की क्षमता में उद्योग के विश्वास को दर्शाता है। सर्वे में शामिल अधिकारियों का कहना है कि एआई के बढ़ते इस्तेमाल से न सिर्फ ईटी उद्योग को ग्राहक सेवा बढ़ाने में मदद मिल रही है, बल्कि लागत कम करने के साथ राजस्व वृद्धि में भी सुधार हो रहा है।
जेनरेटिव एआई से 45% तक बढ़ेगी आईटी क्षेत्र की उत्पादकता, शीर्ष IT कंपनियां कर रहीं एआई का इस्तेमाल
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