मालदीव। चीन और इंडोनेशिया के बीच नजदीकियां फिर बढ़ने लगी हैं, इंडोनेशिया के नए राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो सत्ता संभालते ही अपने पहले विदेश दौरे पर चीन पहुंचे। इस दौरान रविवार को दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर की डील हुई। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी शपथ ग्रहण के बाद पहले विदेश दौरे के लिए चीन पहुंचे थे, लेकिन चीन से कोई खास मदद न मिलने पर उन्हें भारत की अहमियत का अंदाज़ा हो गया।वहीं चीन और इंडोनेशिया की बात करें तो बीजिंग इस सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इंडोनेशिया में करीब 7 बिलियन डॉलर का निवेश भी कर रखा है। वहीं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मौजूद इंडोनेशिया सामरिक दृष्टि से भारत और चीन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, यही वजह है कि चीन ने सत्ता परिवर्तन के साथ ही इंडोनेशिया को अपने पाले में करने की कोशिशें शुरू कर दी थीं।
दरअसल इंडोनेशिया में सत्ता परिवर्तन होते ही चीन ने राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो से नज़दीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया था। प्रबोवो को बधाई देने वालों में सबसे पहला नाम चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का रहा है। जिनपिंग ने इंडोनेशिया के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया था। जिसके बाद राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो दो दिवसीय बीजिंग यात्रा पर पहुंचे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के साझा बयान के मुताबिक अगले साल चीन और इंडोनेशिया के बीच पहली बार विदेश और रक्षा मंत्रियों की ज्वाइंट मीटिंग होगी।
चीन के साथ अरबों डॉलर की डील
अपनी यात्रा के समापन के मौके पर राष्ट्रपति प्रबोवो ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लिखा कि, ‘इंडोनेशिया और चीन आपसी दोस्ती को मजबूत करने और दोनों देशों की समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ बीजिंग से वॉशिंगटन रवाना होने से पहले सुबियांतो इंडोनेशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और चीनी निगमों के बीच बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच नवीनीकरण ऊर्जा, स्वास्थ्य और फूड सिक्योरिटी समेत कई क्षेत्रों में अरबों डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए
स्टेट न्यूज एजेंसी अंतारा के मुताबिक इंडोनेशिया-चीन बिजनेस फोरम की बैठक में राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा कि, ‘एशिया में चीन के व्यापाक की मजबूत हिस्सेदारी दोनों देशों के करीबी सहयोग का महत्वपूर्ण तत्व है। मैंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री से मुलाकात की है, जिसमें दोनों देशों के बीच इस सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है।’
चीन के बाद अमेरिका पर नजर!
उन्होंने कहा कि हमें इस मॉडर्न समय में यह उदाहरण देना चाहिए कि, शांति और समृद्धि का रास्ता सहयोग है न कि एक-दूसरे का विरोध। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडोनेशिया के नए राष्ट्रपति की सबसे अहम प्राथमिकता अर्थव्यवस्था और रक्षा मामले हैं, जिसके चलते उनके इस ओवरसीज दौरे में चीन और अमेरिका जैसी दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
इंडोनेशिया के पॉलिटिकल रिसर्चर डॉ। अहमद रिज्की मारधातिल्लाह उमर का कहना है कि ‘प्रबोवो इन दोनों क्षेत्रों में बैलेंस बनाने में जुटे हैं, वह एक ओर चीन के व्यापार और निवेश को मजबूत करना चाहते हैं तो वहीं दूसरी ओर डिफेंस मॉर्डनाइजेशन के लिए अमेरिका के साथ रक्षा संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’
प्रबोवो अपनी बीजिंग यात्रा पूरी कर अमेरिका पहुंच चुके हैं। इसके बाद APEC और G20 शिखर सम्मेलनों के लिए दक्षिण अमेरिका जाएंगे, जिसके बाद वह ब्रिटेन और मध्य पूर्व की यात्रा करेंगे।