नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में यहां एम्स में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एम्स ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उन्हें शाम 8।06 पर एम्स के मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए उनका उपचार चल रहा था और घर पर वह अचानक बेहोश हो गए थे। उन्होंने गुरुवार रात 9:51 बजे अंतिम सांस ली।मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की निधन की खबर मिलने के बाद एम्स के बाहर भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है। उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की शिक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी। फिल किया। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘भारत में निर्यात और आत्मनिर्भरता और विकास की संभावनाएं’ में भारत में निर्यात आधारित व्यापार नीति की आलोचना की थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 16-09-1982 से 14-01-1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर थे। उनके कार्यकाल के दौरान बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित व्यापक कानूनी सुधार किए गए और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में एक नया अध्याय जोड़ा गया और शहरी बैंक विभाग की स्थापना की गई। आरबीआई में अपने कार्यकाल के बाद, उन्होंने वित्त मंत्री नियुक्त होने से पहले कई पदों पर काम किया। वित्त मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल इस तथ्य के लिए उल्लेखनीय था कि उन्होंने भारत में उदारीकरण और व्यापक सुधारों की शुरुआत की।
कई पुरस्कारों और सम्मानों से किए गए थे सम्मानित
पूर्व प्रधानमंत्री को मिले कई पुरस्कारों और सम्मानों में से सबसे प्रमुख सम्मान है – भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण(1987); भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड (1993 और 1994); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (1956) का एडम स्मिथ पुरस्कार; कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट पुरस्कार (1955)। उनको जापानी निहोन किजई शिम्बुन एवं अन्य संघो की तरफ से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ। मनमोहन सिंह को कैंब्रिज एवं ऑक्सफोर्ड और अन्य कई विश्वविद्यालयों की तरफ से मानद उपाधियां प्रदान की गई हैं।
मनमोहन सिंह के निधन पर उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के आर्थिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया।
देश मनमोहन सिंह के निधन से शोक में: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि देश अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक में है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री समेत विभिन्न पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काफी प्रयास किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह के साथ अपनी कई तस्वीरों को साझा किया। उन्होंने उनके साथ बिताए पलों को भी याद किया। पीएम मोदी ने लिखा कि जव वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब डॉ. मनमोहन सिंह और मैं नियमित रूप से बातचीत करते थे।
मनमोहन सिंह के रूप में अपना मार्गदर्शक खो दिया: राहुल
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर बृहस्पतिवार को दुख जताया और कहा कि उन्होंने आज अपना एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है। मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मनमोहन सिंह जी ने असीम बुद्धिमत्ता और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने देश को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना। मैंने एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।’