नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में एक शोक प्रस्ताव पारित किया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में दो मिनट का मौन रखकर मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। कल यानी शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार के दिन सभी सेंट्रल गवर्नमेंट के ऑफिस और सीपीएसयू (CPSUs) में आधे दिन की छुट्टी रहेगी। बैठक में कहा गया, केंद्रीय कैबिनेट भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है।’ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अस्पताल में अंतिम सांस ली।
फिलहाल मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली पर रखा गया है। उनके घर पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। सियासी गलियारों से आए तमाम दिग्गज उन्हें अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। कल सुबह 8 बजे उनके (मनमोहन सिंह) पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। साढ़े 8 बजे से 9.30 बजे तक आम जनता और कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। 9.30 बजे के बाद उनके अंतिम विदाई की तैयारी शुरू होगी।
10 साल रहे देश के प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे। देश की अर्थव्यवस्था में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर मजबूत हुई। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ।
देश को आर्थिक संकट से बचाया
1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आया। मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी। फिल। की डिग्री ली। मनमोहन सिंह का सियासी सफर 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ, जब वो तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री बने। 1991 में उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बचाया।