नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और नामीबिया के बीच डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ा और अहम कदम उठाया गया है। इसके तहत भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सेवा या फिर इसी की तरह का पेमेंट सेवा अब नामीबिया में भी लागू किया जाएगा। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की नामीबिया दौरे के दौरान दी।
विदेश मंत्रालय के सचिव डॉ डम्मू रवि ने बताया कि यह पहली बार है जब भारत की नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और बैंक ऑफ नामीबिया के बीच इस तरह का लाइसेंसिंग समझौता हुआ है। इसका उद्देश्य नामीबिया में रीयल-टाइम डिजिटल भुगतान प्रणाली को शुरू करना है।
एनआईपीएल और नामीबिया के बैंक के बीच हुआ समझौता
बता दें कि यह समझौता एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और नामीबिया के केंद्रीय बैंक के बीच हुआ है। इससे नामीबिया में डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जा सकेगा।
पीएम मोदी ने नामीबिया में यूपीआई की भागेदारी पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की संसद में अपने संबोधन में कहा कि अब लोग तानगी उनेने कहने से भी पहले पैसे भेज सकेंगे। जल्द ही कुनिने की एक हिमा दादी या कटुतुरा का एक दुकानदार भी सिर्फ एक टैप से डिजिटल लेन-देन कर सकेगा, वो भी स्प्रिंगबोक से तेज।
पीएम मोदी को मिला नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को नामीबिया दौरे के दौरान वहां का सर्वोच्च नागरिक सम्मान द ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एनशिएंट वेलविचिया मिराबिलिस भी प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 1995 में स्थापित किया गया था और यह नामीबिया के अद्वितीय रेगिस्तानी पौधे ‘वेलविचिया मिराबिलिस’ के नाम पर है, जो संघर्ष, धैर्य और दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। गौरतलब है कि यह पीएम मोदी को मिला 27वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है और इस यात्रा के दौरान मिला चौथा सम्मान है।
नामीबिया यूपीआई जैसा पेमेंट सिस्टम बनाएगा, NPCI और देश के सेंट्रल बैंक ने किया लाइसेंसिंग समझौता
