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23 Dec 2025, Tue

एच-1बी वीजा पर नई मुसीबत, अमेरिकी दूतावास द्वारा लिए गए बड़े फैसले से भारत में फंस गए हजारों एनआरआई

नई दिल्ली/वॉशिंगटन। अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों में सख्ती के चलते भारतीय एच-1बी वीजा धारकों की मुश्किलें अचानक बढ़ गई हैं। वर्क परमिट रिन्यू कराने भारत आए सैकड़ों एनआरआई अब अमेरिका लौटने में असमर्थ हैं। नई सोशल मीडिया वेटिंग (स्क्रीनिंग) पॉलिसी के कारण वीजा अपॉइंटमेंट अगले साल तक टाल दिए गए हैं, जिससे दिसंबर में तय इंटरव्यू अब मार्च में होने की संभावना जताई जा रही है।
बिना सूचना रद्द हुए अपॉइंटमेंट
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने 15 से 26 दिसंबर के बीच निर्धारित कई कांसुलर अपॉइंटमेंट बिना पूर्व सूचना के रद्द कर दिए। इस फैसले से शादी, पारिवारिक कार्यक्रम या छुट्टियों में भारत आए बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर यहीं फंस गए हैं।
कंपनियों की चिंता बढ़ी
वीजा रिन्यूअल में अनिश्चित देरी को देखते हुए सहित कई बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है। की रिपोर्ट के मुताबिक, कई मामलों में इंटरव्यू की नई तारीखें महीनों बाद की दी जा रही हैं, जिससे कंपनियों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे कर्मचारियों का कब तक इंतजार करें। एक भारतीय पेशेवर, जो शादी में शामिल होने भारत आए थे, उन्हें 17 और 23 दिसंबर की तारीख दी गई थी, लेकिन उनका अपॉइंटमेंट भी रद्द कर दिया गया। अब उनके पास वापसी को लेकर कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं है।
ईमेल में बताया गया कारण
अमेरिकी प्रशासन ने ईमेल के जरिए बताया है कि नई सोशल मीडिया स्क्रीनिंग पॉलिसी के चलते वीजा प्रक्रियाओं में देरी हो रही है। सुरक्षा कारणों से अब वीजा जारी करने और रिन्यूअल में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है, जिससे प्रक्रिया लंबी हो गई है। इससे पहले 9 दिसंबर को अमेरिकी दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर स्पष्ट किया था कि यदि किसी आवेदक को रीशेड्यूल का ईमेल मिला है और फिर भी वह दूतावास पहुंचता है, तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
क्या है सोशल मीडिया वेटिंग पॉलिसी
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में H-1B Visaऔर H-4 वीजा के लिए सोशल मीडिया स्क्रीनिंग की नीति लागू की गई थी। इसके तहत वीजा जारी या रिन्यू करने से पहले आवेदक की सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जाती है। आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग पब्लिक करनी होती है ताकि जांच पूरी की जा सके। गौरतलब है कि सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा पर करीब 1 लाख डॉलर का शुल्क भी लागू किया था, जिससे यह वीजा पहले ही काफी महंगा हो चुका है।

By Aryavartkranti Bureau

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