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2 Apr 2025, Wed

गाजा के मुसलमानों के साथ पाकिस्तान की गद्दारी, अंदर ही अंदर नेतन्याहू के साथ कर ली ये डील

इस्लामाबाद, एजेंसी। इजराइल के हाथों पिट रहे गाजा के मुसलमानों के साथ पाकिस्तान ने बड़ी गद्दारी कर दी है. दरअसल, पाकिस्तान ने चुपके से अपने 11 पत्रकारों को इजराइल भेज दिया है. वो भी तब, जब उसके पासपोर्ट पर इजराइल में एंट्री बैन है. इन पत्रकारों को इजराइल क्यों भेजा गया, इसका खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन भेजने पर सियासी बवाल जरूर मच गया है.
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पत्रकारों के इजराइल जाने पर सफाई दी है. हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि ये पत्रकार कैसे इजराइल गए?
इन पत्रकारों को भेजा इजराइल
पाकिस्तान के इन पत्रकारों का इजराइल दौरा एक एनजीओ के जरिए कराया गया है. सबिन आगा के नेतृत्व में 11 पत्रकारों ने पूरे इजराइल का भ्रमण किया है. पाकिस्तानी पत्रकार इस दौरान उन जगहों पर भी गए, जहां हमास के लड़ाकों ने बम गिराया था. जेरूसलेम पोस्ट के मुताबिक इजराइल दौरे पर आए इन पत्रकारों ने यहूदी बहुल इस देश की खूब तारीफ की. पाकिस्तान के पत्रकारों का कहना था कि जो जानकारी हमें इजराइल के बारे में दी जाती है, ऐसा यहां पर कुछ नहीं है. पाकिस्तान के पत्रकारों ने इस दौरान सरकार से इजराइल पर रूख बदलने के लिए भी कहा. पाकिस्तान के इन पत्रकारों के दौरे पर पूरे देश में बवाल मच गया है.
अगर पाकिस्तान सरकार के इशारे पर ये पत्रकार नहीं गए थे, तो फिर इन लोगों पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया? 2022 में बिना परमिशन इजराइल जाने पर पाकिस्तान टीवी के एक पत्रकार की नौकरी चली गई थी.
जांच के नाम पर लीपापोती की कोशिश
सरकार के इस रवैए का जब पूरे देश में विरोध हुआ तो सरकार ने मामले की जांच की बात कही है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान का कहना है कि हमने जानकारी ले ली है. जल्द ही इस पर आगे बात करेंगे. खान का कहना है कि फिलिस्तीन को लेकर हमारा स्टैंड स्पष्ट है. हम उससे अलग नहीं जाने वाले हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन पत्रकारों को इजराइल किसके शह पर भेजा गया था?
क्या विदेशी खैरात है एक वजह?
अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाले विदेशी मदद को रोकने का फैसला किया है. अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान की सरकार बैकफुट पर है. अमेरिका से पाकिस्तान को करीब 16289 करोड़ रुपए विदेशी सहायता के रूप में मिलता था. इसे रुक जाने से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान इसी फंड को फिर से पाने की जुगत में है. इजराइल के जरिए पाकिस्तान की सरकार अमेरिका को साधे रखने की कवायद में है, जिससे उसे आसानी से विदेश पैसे मिल जाए.

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