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22 May 2025, Thu

भारतीय अर्थव्यवस्था 2027 तक जर्मनी से निकल सकती है आगे, इस साल जापान को छोड़ेगी पीछे

नई दिल्ली, एजेंसी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी खबर दी है। आईएमएफ ने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही तक जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले दशक में दोगुने से भी ज्यादा हो गई है। 2015 में जीडीपी 2.1 लाख करोड़ डॉलर थी, जो अब बढ़कर 2025 में अनुमानत: 4.3 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी।
आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत जापान के करीब पहुंच रहा है। पिछले 10 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में 105 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जापान की जीडीपी स्थिर बनी हुई है।
अगर भारतीय जीडीपी इसी रफ्तार से आगे बढ़ती रही तो वह 2027 की दूसरी तिमाही तक 4.9 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच जाएगी और जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आईएमएफ के मुताबिक, भारत की जीडीपी वर्तमान में 4.3 लाख करोड़ डॉलर है। 2015 में यह 2.1 लाख करोड़ डॉलर थी।
भारतीय जीडीपी ने पिछले एक दशक में दोगुना से भी ज्यादा वृद्धि की है। इस दौरान भारतीय जीडीपी ने चीन, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों को पीछे छोड़ दिया है। इसी अवधि में चीन की जीडीपी 76 प्रतिशत, अमेरिका की 66 प्रतिशत, जर्मनी की 44 प्रतिशत, फ्रांस की 38 प्रतिशत और ब्रिटेन की 28 प्रतिशत बढ़ी है।
भारतीय जीडीपी को 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने में 60 साल लगे थे। 2007 में भारतीय जीडीपी ने ये आंकड़ा छुआ था।
इसके बाद 1 लाख करोड़ से 2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने में 7 साल (2014) और 2 से 3 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने में भी 7 साल (2021) लगे।
कोरोना के बाद केवल 4 सालों में ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने 3 लाख करोड़ डॉलर से 4 लाख करोड़ डॉलर तक का सफर तय कर लिया। जानकारों का मानना है कि भारत मौजूदा गति से हर डेढ़ साल में अपनी जीडीपी में 1 लाख करोड़ डॉलर जोड़ सकता है।
अगर यह गति जारी रही तो देश 2032 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। बीते 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने जी-7, जी-20 और ब्रिक्स के सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका 30.3 लाख करोड़ डॉलर के साथ पहले और चीन 19.5 लाख करोड़ डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। जीडीपी किसी भी देश में एक निश्चित समयसीमा के भीतर उत्पादित की गई वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य है।
आसान भाषा में समझें तो सुई से लेकर हवाई जहाज तक, देश में बनने वाले सभी सामानों और सेवाओं के मूल्य को जोड़ दिया जाए तो जीडीपी का आंकड़ा मिलेगा। इससे देश की आर्थिक सेहत का पता चलता है। आमतौर पर जीडीपी की गणना वार्षिक आधार पर की
जाती है।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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