नई दिल्ली, एजेंसी। डिजिटलीकरण के बढ़ते चलन के साथ ही हमारी ज़िंदगी अब काफी हद तक ऑनलाइन सेवाओं पर निर्भर हो गई है। ऐसे में हमारी डिजिटल पहचान और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस संदर्भ में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। Cybernews द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, अप्रैल 2024 से अब तक 200 से ज्यादा डेटा ब्रीच की घटनाओं में 19 अरब (1900 करोड़) से ज्यादा पासवर्ड इंटरनेट पर लीक हो चुके हैं।
Cybernews की रिपोर्ट के अनुसार, लीक हुए ये पासवर्ड अब डार्क वेब और हैकर फोरम पर आसानी से उपलब्ध हैं। यह डेटा लीक Snowflake और SOCRadar.io जैसे कई बड़े डेटा ब्रीच का परिणाम है, जिसने करोड़ों इंटरनेट यूजर्स की डिजिटल सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
शोधकर्ताओं ने विश्लेषण में पाया कि लीक हुए इन विशाल पासवर्ड्स के भंडार में से केवल 6% पासवर्ड ही यूनिक (अद्वितीय) थे। इसका सीधा मतलब है कि बड़ी संख्या में लोग अपने पासवर्ड दोहराते हैं। यह आदत साइबर अपराधियों के लिए ‘डिक्शनरी अटैक’ (Dictionary Attack) और ‘ब्रूट फोर्स अटैक’ (Brute Force Attack) के जरिए खातों तक पहुंचने का रास्ता आसान बना देती है।
Cybernews की टीम ने OSINT (Open Source Intelligence), CTI (Cyber Threat Intelligence) और विशेष स्क्रिप्ट्स का उपयोग करके लीक हुए पासवर्ड्स की लंबाई, उनमें इस्तेमाल किए गए कैरेक्टर (जैसे छोटे अक्षर, बड़े अक्षर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर) की गहनता से जांच की। पिछले 12 महीनों में कुल 19,030,305,929 पासवर्ड लीक हुए, जिनमें से केवल 1,143,815,266 ही यूनिक पाए गए।
रिपोर्ट में पासवर्ड बनाने की आदतों पर भी प्रकाश डाला गया है। लगभग 27% इंटरनेट यूजर अभी भी पासवर्ड बनाने के लिए सिर्फ छोटे अक्षर (lowercase) और नंबर का इस्तेमाल करते हैं। यह 2022 की तुलना में बेहतर है, जब केवल 1% पासवर्ड में uppercase, lowercase, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर का कॉम्बिनेशन उपयोग किया जाता था। अब यह संख्या बढ़कर 19% हो गई है, लेकिन अभी भी यह काफी कम है, जो मजबूत पासवर्ड की जरूरत को रेखांकित करता है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने वालों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।