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3 May 2025, Sat

‘परफॉर्म करो या बाहर हो जाओ’…रिलायंस रिटेल का अल्टीमेटम, नहीं बढ़ी बिक्री तो बंद होंगे स्टोर

रिलायंस रिटेल, जो भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक है, अब अपने स्टोर्स के प्रदर्शन को लेकर सख्त रुख अपना रही है। कंपनी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि नए खोले गए स्टोर्स को 6 से 12 महीनों के भीतर ब्रेक-ईवन यानी लागत वसूल करनी होगी, वरना उन्हें बंद कर दिया जाएगा या किसी अन्य रिटेल फॉर्मेट से बदल दिया जाएगा।
यह कदम कंपनी की उस नीति में बड़ा बदलाव है, जिसमें पहले नए स्टोर्स को दो साल तक का समय दिया जाता था उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिए। अब कंपनी मुनाफे और मार्जिन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, खासकर इसलिए क्योंकि वह अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की तैयारी में है।
स्टोर्स की संख्या में कटौती
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस रिटेल हर साल अब 500-550 नए स्टोर खोलेगी, जबकि पहले यह आंकड़ा 1000 से भी अधिक था। FY23 में कंपनी ने 3,300 से ज्यादा स्टोर्स खोले थे। वहीं पिछले तीन वर्षों में, कंपनी ने लगभग 3,650 ऐसे स्टोर्स को बंद किया है जो लाभ में नहीं थे।
कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना, परिधान, जूते, सौंदर्य उत्पाद, आभूषण, दवाइयां और हस्तशिल्प जैसी कई कैटेगरी में अपने ब्रांड्स के जरिए व्यापार करती है, जैसे Reliance Fresh, Digital, Trends और MyJio।
प्रीमियम पर फोकस और टारगेटेड एक्सपैंशन
रिलायंस अब अपनी प्रीमियम कैटेगरी पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके Freshpik और GoFresh जैसे प्रीमियम ग्रॉसरी स्टोर महंगे इलाकों में अच्छी प्रतिक्रिया पा रहे हैं और कंपनी इनकी संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।
कंपनी अपने फेमस फैशन स्टोर Trends को भी अब युवा उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर टेक्नोलॉजी के साथ फिर से डिजाइन कर रही है, जिससे वह Azorte जैसे हाई-एंड फॉर्मेट की बराबरी कर सके।
फाइनेंशियल मजबूती की ओर
कंपनी के CFO दिनेश तलुजा ने बताया कि पिछले दो सालों में रिलायंस रिटेल ने अपने ऑपरेशंस में कई सुधार किए हैं, जिससे कंपनी का Ebitda मार्जिन 2022 में 6.2% से बढ़कर 2024-25 में 8.3% हो गया है।
ई-कॉमर्स में भी मुनाफे की तैयारी
रिलायंस ई-कॉमर्स के तेज़ी से बढ़ते सेगमेंट में भी मुनाफे के साथ उतरना चाहती है। कंपनी 30 मिनट में डिलीवरी जैसे फॉर्मेट पर काम कर रही है, जो स्टोर्स के जरिए डिलीवरी करेगा, जिससे अलग से डार्क स्टोर खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कुल मिलाकर, रिलायंस रिटेल अब परफॉर्म या पेरिश के मॉडल पर काम कर रही है। वह स्टोर्स की संख्या पर नहीं, बल्कि उनकी यूनिट इकोनॉमिक्स और प्रॉफिटेबिलिटी पर फोकस करेगी, ताकि IPO से पहले कंपनी की वैल्यूएशन और भी मजबूत हो सके।

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