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19 Apr 2025, Sat

यूपी में गरज-चमक के साथ हुई बारिश…गेहूं को नुकसान, आकाशीय बिजली से दो मौतें

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बृहस्पतिवार को सुबह से ही काले बादलों और झोंकेदार हवाओं संग बारिश शुरू हो गई। दिन में ही घना अंधेरा छा गया। लोगों को लाइट जलाकर सड़क पर चलना पड़ा। बारिश और हवाओं की वजह से तापमान गिरने से मौसम सुहाना हो गया और लोगों को गर्मी से राहत महसूस हुई।
इन जिलों में भी हुई अच्छी बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से लखनऊ में पूर्वा और पछुआ हवाओं का समागम होने से आंधी और बारिश देखने को मिली है। लखनऊ में सुबह 8:30 बजे तक सात मिमी. बारिश दर्ज की गई। जबकि, एयरपोर्ट इलाके में यह दो मिमी. रिकॉर्ड की गई। लखनऊ व आसपास के जिलों बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर आदि में भी अच्छी बारिश देखने को मिली।
गेहूं की फसल को नुकसान
इस आंधी और भारी बारिश से जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी कटी नहीं है, उनको फसल के नुकसान की चिंता सता रही है। फसल गिरने से पैदावार में काफी असर आ सकता है। वहीं झोंकेदार हवाओं से, गेहूं की फसल लेट जाएगी। किसानों को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा।
इसके अलावा अलीगंज सेक्टर-एल में पेड़ गिर गया। गाड़ी के ऊपर पेड़ गिरने से वह क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
वहीं हाईकोर्ट के गेट नंबर चार और पांच के सामने बारिश के बाद पानी भर गया। इससे लोगों को आवागमन में काफी असुविधा हुई।
अयोध्या रोड के चिनहट चौराहे पर भी बारिश के बाद पानी भर गया। इससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अमेठी में बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान, सेहत पर भी असर
अमेठी में मौसम का बिगड़ा मिजाज किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सुबह बाजार शुकुल क्षेत्र सहित कई हिस्सों में झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट आई। वहीं गेहूं की कटाई को लेकर किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। गौरीगंज, मुसाफिरखाना, तिलोई और संग्रामपुर क्षेत्र में सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे। इस बीच किसानों की निगाहें आसमान पर टिकी रहीं।
बाजार शुकुल निवासी किसान रामकिशोर यादव ने बताया कि मौसम ने धोखा दे दिया। गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है, कुछ खेतों में फसल कटी भी पड़ी है। फसल भीगने से उपज और आमदनी दोनों पर ही असर पड़ेगा।
मौसम में अचानक बदलाव का असर लोगों की सेहत पर भी दिखने लगा है। अस्पतालों में सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। सीएचसी गौरीगंज के अधीक्षक डॉ. राजीव सौरभ ने बताया कि इस तरह के मौसम में तापमान तेजी से गिरता और बढ़ता है। इससे शरीर पर असर पड़ता है। नमी और हवा में बदलाव से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
सीतापुर जिले में दो की मौत
सीतापुर जिले में खराब मौसम ने दो जिंदगियां ले ली। बिसवां के ग्राम पंचायत जनुवा के मजरा मोचखुर्द मे आकाशीय बिजली गिरने से किसान हरिश चंद्र भार्गव (23) की मौत हो गई। हरिश्चंद्र कुल तीन भाई थे। मृतक के बड़े भाई की शादी हो चुकी है। हरिश्चंद भार्गव की अभी शादी नही हुई थी। वह बृहस्पतिवार सुबह खेत में गन्ना छीलने गए थे तभी आकाशीय बिजली गिरने से उनकी मौत हो गई।
गेहूं कटाई कर लौट रही महिला पर गिरी पक्की दीवार, मौत
जिले के सकरन में खेत से वापस आ रही महिला पर पक्की दीवार गिर गई। इसके नीचे दबने से उसकी मौत हो गई। रसूलपुर हरदोपट्टी गांव निवासी कुसुमा देवी (55) पत्नी जुगराज बृहस्पतिवार सुबह खेत में गेहूं की फसल की कटाई करने गई थी। सुबह 9.30 बजे तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। कुसुमा देवी खेत से अपने घर जाने लगी।
गांव में नागेन्द्र के घर के पास पहुंचते ही नागेन्द्र की पक्की दीवार भरभरा कर कुसुमा देवी के ऊपर गिर गई जिसके नीचे कुसुमा देवी दब गई। आवाज सुनकर मौके पर पहुंचें ग्रामीणों ने मलबा हटा कर कुसुमा देवी को किसी तरह बाहर निकाला तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पुलिस व राजस्व विभाग को दे दी गई है।
गोंडा में बुधवार की रात से मौसम का मिजाज बदल गया। तेज हवाओं के साथ बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई। वजह कहीं पर गेहूं की पकी फसल गिर गई तो कहीं पर कटाई के बाद भीग गई।
आंधी और बरसात के बाद गिरे ओले
श्रावस्ती में बुधवार रात करीब 10:25 बजे अचानक धूल भरी तेज हवाएं चली। इसके बाद जिले के अधिकांश हिस्सों में बरसात हुई। इस बीच सिरसिया क्षेत्र में करीब पांच मिनट तक ओले भी गिरे। इस दौरान जिले के कई क्षेत्रों की बत्ती गुल हो गई, जो अगले दिन दोपहर तक बहाल नहीं हुई। भिनगा व आसपास के क्षेत्र में गुरुवार सुबह भी बूंदाबांदी हुई। इससे गेहूं की मड़ाई का कार्य बाधित हो गया।
तेज हवाओं के साथ बारिश से फसलों को नुकसान
बलरामपुर में तेज हवा के साथ अचानक बुधवार देर रात करीब 10.30 बजे से बारिश शुरू हो गई। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। मौसम में आए बदलाव से गर्मी से राहत मिली, लेकिन आफत भी रही। शहर के साथ ही ललिया, पचपेड़वा, श्रीदत्तगंज आदि इलाकों में पक चुकी गेहूं की फसल खेत में गिर गई है। इससे किसानों को नुकसान हुआ है। कुछ क्षेत्रों में पशु शेड टूट गए।
बहराइच के तराई क्षेत्र में बुधवार रात से ही बरसात हो रही है। मिहीपुरवा, रुपईडीहा, बिछिया व नानपारा में रात से ही बरसात हो रही है। जबकि बहराइच, कैसरगंज, जरवलरोड की ओर सुबह आठ बजे से बरसात प्रारंभ हुई। फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान तराई वाले इलाके में हुआ है। वहां खेतों में नौ इंच तक पानी भर गया है। कटी हुई फसल पानी में डूब गई। इसे सुबह किसान बाहर निकालते देखे गए। कुछ स्थानों पर बुधवार शाम को ओलावृष्टि हुई थी। इससे गेंहू के फसल की बालियां कट गई। फसल के साथ बिजली व्यवस्था भी ध्वस्त हुआ। देर रात से ही तराई की बिजली गुल है। कैसरंगज में भी फाल्ट होने के कारण पांच घंटे से बिजली नहीं है।

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