लेटेस्ट न्यूज़
9 Apr 2025, Wed

दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद में भर्ती अभियान, क्या भारतीय के पास भी मौका?

यरुशलम, एजेंसी। हमास से जंग के बीच इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने खुद को मजबूत बनाने के लिए भर्ती अभियान चलाया है। मोसाद की तरफ से जारी वीडियो में कहा गया है कि उन्हें काम करने वाले नए लोगों की जरूरत है। मोसाद ने लोगों से कहा है कि जल्द से जल्द आवेदन भेजें, जिससे इंटरव्यू करके सिलेक्शन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
जेरूसलेम पोस्ट के मुताबिक मोसाद ने खुद को एक बेहतरीन खुफिया एजेंसी बताया है। एजेंसी का कहना है कि उनके यहां काम करने के तरीके सबसे बेहतरीन है। साथ ही नौकरी करने वाले कर्मी यहां खुश हैं और उनकी जिंदगी भी सुरक्षित है। 1949 में स्थापित इस इंटेलिजेंस एजेंसी में करीब 7 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। मोसाद को दुनिया का सबसे पावरफुल खुफिया एजेंसी माना जाता है।
मोसाद को कौन ज्वॉइन कर सकता है?
इजराइल खुफिया एजेंसी के मुताबकि मोसाद का नेटवर्क यहूदी बहुल इस देश के अलावा विदेशी धरती पर भी सक्रिय है। मोसाद मुख्य रूप से ईरान, फिलिस्तीन, तुर्की, यमन जैसे देशों में काफी मजबूती से एक्टिव है। इन देशों में मोसाद को अपने एजेंट की जरूरत होती है।
भारतीय भी मोसाद में शामिल होने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। तुर्की मीडिया का कहना है कि कई भारतीय मोसाद के लिए काम भी करते हैं। हालांकि, न तो भारत और न ही इजराइल ने इसकी पुष्टि अब तक की है।
यानी मोसाद को ज्वॉइन करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि वो इजराइल का ही नागरिक हो। मोसाद के मुताबिक भाषा और धर्म को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है। मोसाद मिडिल ईस्ट में मुस्लिम बहुल देशों के साथ जंग लड़ रहा है।
ऐसे में उसकी कोशिश एजेंसी में ऐसे लोगों को शामिल करना है, जो इनके खिलाफ आसानी से काम कर सके। मोसाद की कोशिश स्टूडेंट और महिलाओं को भी अपनी एजेंसी में शामिल करने की है। मोसाद का कहना है कि स्टूडेंट और महिलाओं को हम ज्यादा तवज्जो देते हैं।
ग्राउंड पर कैसे काम करता है मोसाद
मोसाद अंडरकवर एजेंट के जरिए अपनी रणनीति को अंजाम देता है। तुर्की में एक परिवार की पहचान की गई है, जो वहां से जानकारी जुटाकर इजराइल खुफिया एजेंसी को पहुंचा रहा था। इसके अलावा मोसाद सेटेलाइट और अन्य टेक्नोलॉजी के जरिए सीधे अपने दुश्मनों की खुफिया जानकारी जुटाता है। मोसाद कई अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर भी काम करता है। मोसाद का टारगेट मुख्य रूप से फिलिस्तीन, ईरान और यमन है। लेबनान और तुर्की में भी मोसाद के एजेंट सक्रिय हैं। लेबनान में हिजबुल्लाह के नेताओं मोसाद की जानकारी के आधार पर ही मारा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *