लंग्स कैंसर दुनियाभर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। साल 2022 में 1.8 मिलियन (18 लाख) से अधिक लोगों की इस कैंसर के कारण मौत हो गई। डेथमीटर की रिपोर्ट के अनुसार लंग्स कैंसर और ब्रोंकाइटिस वैश्विक स्तर पर मृत्यु का छठा प्रमुख कारण है जिसकी वजह से इस साल 21 दिसंबर तक 17.78 लोगों की जान जा चुकी है। फेफड़ों की ये गंभीर बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जा रही है जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह देते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों की गंभीर बीमारियों सहित कैंसर होने का खतरा अधिक देखा जाता है, ये लंग्स कैंसर के करीब 85 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है। असल में तम्बाकू के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें कम से कम 70 ऐसे रसायन शामिल हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं। हालांकि कई रिपोर्ट्स में इस बात को लेकर चिंता जताई जाती रही है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनमें भी इस कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
नॉन स्मोकर्स में फेफड़ों के कैंसर का खतरा
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक फेफड़े का कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है। यदि आप अक्सर सिगरेट के धुएं के संपर्क में भी रहते हैं, भले ही आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो भी इस कैंसर की चपेट में आ सकते हैं, इसे सेकेंडहैंड स्मोकिंग कहा जाता है।
हालांकि अब सवाल उठता है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं वो लंग्स कैंसर का शिकार क्यों हो रहे हैं? आइए इस बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
इन वजहों से भी बढ़ रहा है खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भले ही आप धूम्रपान नहीं करते हैं पर यदि आपमें कैंसर की फैमिली हिस्ट्री रही है, ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बना रहता है या फिर ऐसे कार्यों से जुड़े हैं जहां रसायनों के अक्सर संपर्क में अधिक रहते हैं उनमें लंग्स कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका में फेफड़ों के कैंसर से मरने वाले लोगों में से 20 प्रतिशत – कुल मिलाकर लगभग 30,000 लोगों ने कभी धूम्रपान नहीं किया था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
येल मेडिसिन थोरैसिक मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट एनी चियांग कहती हैं, हम पहले सोचते थे कि सभी फेफड़ों के कैंसर एक जैसे होते हैं, लेकिन अब देखने को मिल रहा है वास्तव में इनमें बहुत अंतर हो सकता है। अच्छी खबर यह है कि धूम्रपान न करने वालों को होने वाले फेफड़ों के कैंसर के प्रकार उतने गंभीर नहीं होते हैं और इसके उपचार के लिए दवाएं उपलब्ध हैं।
एडेनोकार्सिनोमा, धूम्रपान न करने वालों में देखा जाने वाला सबसे आम फेफड़ों का कैंसर है, जो अक्सर फेफड़ों के बाहरी हिस्सों में, छोटे वायुमार्गों या बलगम बनाने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है। रसायनों या वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।
लंग्स कैंसर से बचने के लिए क्या करें?
फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए, आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप धूम्रपान से बचें, धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है।
इसके अलाव रसायनों के संपर्क में आने से बचें और स्वस्थ आहार का सेवन करें। विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाएं और अपने पोषक तत्वों को सप्लीमेंट्स के बजाय खाद्य स्रोतों से प्राप्त करें। जिन लोगों में लंग्स कैंसर की फैमिली हिस्ट्री रही है उन्हें और भी सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।