लेटेस्ट न्यूज़
1 Jun 2025, Sun

सराहनीय है आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवाभावना और कर्त्तव्यपरायणता: मुख्यमंत्री

आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने गठित होगा आउटसोर्स सेवा निगम: मुख्यमंत्री

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में हुई थी घोषणा, निगम के गठन के लिए मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री का निर्देश, आउटसोर्सिंग कार्मिकों को भी मिले मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ

मुख्यमंत्री का अधिकारियों को निर्देश, आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में सुनिश्चित करायें आरक्षण प्रावधानों पालन

आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन से सुनिश्चित होगी पारिश्रमिक व सामाजिक सुरक्षा: मुख्यमंत्री

आउटसोर्सिंग कार्मिक को सेवा से हटाने से पूर्व संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति होगी जरूरी: मुख्यमंत्री

प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो: मुख्यमंत्री

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम के सम्मान व जनहित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है।

प्रस्तावित निगम के स्वरूप पर चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि सम्बंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए। साथ ही, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो। नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। निगम का गठन करते हुए इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए। इसी प्रकार, मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किये जाएं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने जा रहे इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीकों का प्रयोग, ईपीएफ/ईएसआई की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि निगम एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियाँ गठित होंगी। जेम पोर्टल द्वारा तीन वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित नहीं होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। यह निगम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन में स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *