पिछले कुछ दिनों में पैन को लेकर लगातार अपडेट सामने आ रहे है। हाल ही में भारत सरकार ने पैन 2.0 को इंट्रोड्यूस किया है। ऐसे में आपके मन में कई सवाल आ रहे होंगे की आखिर PAN 2.0 को लाने के पीछे का क्या मकसद है। आखिर यह आम आदमी और सरकार दोनों के काम कैसे आसान करेगा। एक बात तो साफ है कि पैन 2.0 को इंट्रोड्यूस करके सरकार इसे मल्टी पर्पस बनाना चाहती है।
आज के इस दौर में एक व्यक्ति के पास कई रजिस्ट्रेशन होते हैं। इसमें पैन, जीएसटीआईएन, ईपीएफओ नंबर, आदि। उन सभी का एक अलग नंबर होता है। इन सभी नंबरों पर नजर रखना मुश्किल है। इसलिए एक कॉमन आइडेंटिफायर नंबर की जरूरत है। सरकार ने इसे संज्ञान में लिया है। इसके बाद पैन 2।0 को एक कॉमन आइडेंटिफायर नंबर बनाने का फैसला किया है। कॉमन आइडेंटिफायर नंबर की मांग लंबे समय से चल रही थी। ऐसे में सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
ऐसे होगा टैक्सपेयर्स को फायदा?
PAN अब एक सामान्य पहचान के रूप में काम करेगा, जिससे कई अलग-अलग ID याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। टैक्सपेयर्स और व्यवसायों को फायदा होगा क्योंकि PAN का उपयोग GST फाइलिंग, कॉर्पोरेट पंजीकरण, और आयकर सेवाओं में होगा। इससे व्यापार संचालन सरल होगा क्योंकि PAN 2।0 से TAN जैसी अन्य पहचान संख्या की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसके अलावा, PAN को आधार और GSTN जैसे सिस्टम्स से जोड़ा जाएगा, जिससे रिफंड, अनुमोदन, और फाइलिंग जैसी प्रक्रियाएं जल्दी होंगी। एक ही पोर्टल से सभी सेवाएं यानि अब तीन अलग-अलग पोर्टल्स (e-Filing Portal, UTIITSL Portal, और Protean e-Gov Portal) पर नहीं जाना होगा। इस सिस्टम से सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय किए जाएंगे।