इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में आसिम मुनीर की तानाशाही को लेकर अमेरिका के 49 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखा है। पत्र में सांसदों ने पाकिस्तान में लोकतंत्र के खत्म होने को लेकर चिंता जाहिर की है। सांसदों ने रुबियो से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। इन सांसदों का कहना है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र खत्म करने में आसिम मुनीर और सेना के कुछ अधिकारियों का अहम रोल है। इन सभी लोगों को अमेरिका घुसने पर प्रतिबंध लगाया जाए। जिन सांसदों ने रुबियो को पत्र लिखा है, उनमें प्रमिला जयपाल, ग्रेग कैसर, जेम्स पी। मैकगवर्न, डी। क्लार्क और रशीदा तलीब का नाम प्रमुख हैं। सभी अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य हैं।
इस पत्र में पाकिस्तान के भीतर खत्म हो रहे मानवाधिकार के मुद्दे को भी उठाया गया है। साथ ही कहा गया है कि जो लोग सत्ता के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें चुप कराने के लिए पाकिस्तान की सरकार साम-दाम, दंड और भेद अपना रही है।
रुबियो को यह पत्र क्यों लिखा गया है?
मार्को रुबियो को अमेरिकी कांग्रेस के 49 सांसदों ने ऐसे वक्त में पत्र लिखा है, जब पाकिस्तान के संविधान में बड़ा संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत सेना प्रमुख को कई बड़े अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों में सेना प्रमुख पर कभी मुकदमा का न चलना प्रमुख है। पाकिस्तान में सेना प्रमुख को फील्ड मार्शल बनाया गया है। फील्ड मार्शल के पास ही नौ, थल और वायु सेना का कमान रहेगा। इस पद को रक्षा प्रमुख का पद भी कहा गया है। पाकिस्तान की सरकार इस पद पर मुनीर को नियुक्त करने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि मुनीर के रक्षा प्रमुख बनते ही आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान से लोकतंत्र को खत्म कर दिया जाएगा। पहले भी पाकिस्तान में सेना की पहल पर मार्शल लॉ लागू किए गए हैं
सांसदों ने अपने पत्र में क्या कहा है?
अमेरिकी सांसदों ने रुबियो को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए लिखा है- पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय दमन अभियान और बिगड़ते मानवाधिकार संकट से हम सब चिंतित हैं। सांसदों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार अमेरिका में रह रहे प्रवासी नागरिकों को निशाना बना रही है। प्रवासी नागरिकों को नहीं पकड़ पा रही है तो उनके रिश्तेदारों को टॉर्चर कर रही है। पाकिस्तान की सरकार अपनी हुकूमत को बचाए रखने के लिए अत्याचार पर उतर आई है। सांसदों का कहना है कि इस पर अगर तुरंत एक्शन नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। सांसदों ने रुबियो को कुछ एक्शन भी सुझाए हैं। इन सुझावों में कहा गया है कि पाकिस्तान के जो अधिकारी इस अत्याचार में शामिल हैं, उनके अमेरिकी वीजा पर रोक लगाई जाए। उन्हें किसी भी सूरत में अमेरिका न आने दिया जाए।

