नई दिल्ली, एजेंसी। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी ने युवाओं और प्रवासी भारतीय समुदाय को देश की ताकत बताया है। अंबानी ने भारतीय व्यापार, नीति और संस्कृति पर हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए भाषण में यह बात कही है। नीता अंबानी ने कहा, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित ऊर्जा और जीनोमिक्स जैसी तकनीक को अपनाना देश के लिए एक बड़ा अवसर है। रिलायंस फाउंडेशन कीअध्यक्ष ने संसाधनों के महत्व से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान, नीता अंबानी से भारत का SWOT (ताकत कमजोरी अवसर खतरा) विश्लेषण देने के लिए कहा गया, तो रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष ने कहा, इसलिए मुझे लगता है कि हमारी ताकत हमारे युवा हैं, हमारी 50% आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है, और हमारे प्रवासी भारतीय हैं। मुझे लगता है कि यही हमारी ताकत है।
कमजोरी के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 200 या 300 मिलियन लोग जिनके जीवन को हमें बदलने की जरूरत है, वे सबसे निचले पायदान पर हैं और मुझे लगता है कि यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और हमें अगले दशक में इसे सुलझाने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लिए सबसे बड़ा अवसर बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी को अपनाना है, चाहे वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता हो, हरित ऊर्जा हो, जीनोमिक्स हो। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत यही करेगा।
नीता अंबानी ने कहा, मैं यहां एक मां के रूप में बोल रही हूँ। मुझे लगता है कि हमें शांति की आवश्यकता है। हमें दुनिया में शांति की आवश्यकता है। जब शांति होगी तभी देश आगे बढ़ेंगे और समृद्ध होंगे, और यह बात भारत के लिए भी सच है। इसलिए मुझे लगता है कि युद्ध से कोई फायदा नहीं होता। और मुझे लगता है कि यह एक खतरा है। नीता अंबानी ने खतरे के पहलू पर प्रकाश डालते हुए यह बात कही।
अपने जीवन की एक घटना को साझा करते हुए जब शादी के बाद उन्होंने अपने लिए एक सोने की चेन खरीदी थी, लेकिन अंततः उसे वापस करना पड़ा ताकि रिलायंस के कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके, नीता अंबानी ने कहा, “मैंने यह सोने की चेन खरीदी और इसे घर ले आई। और मुकेश को दिखाया। मुश ने मेरी तरफ देखा और कहा, नीता, मुझे नहीं लगता कि हम इसे खरीद पाएंगे। रिलायंस वास्तव में कठिन समय से गुजर रहा है। और हमें पहले अपने सभी कर्मचारियों को वेतन देना होगा। इसलिए यह अच्छा होगा यदि आप यह सोने की चेन वापस कर दें… मैंने मुकेश से कोई सवाल किए बिना ऐसा किया। और मैंने उससे कहा, मुझे यकीन है कि अच्छे दिन आएंगे, और आप स्थिति को बदल देंगे, और उसने ऐसा किया। नीता अंबानी ने कहा कि इस घटना ने उन्हें यह सबक सिखाया कि “विपत्ति आपको एक बेहतर इंसान बनाती है, न कि एक कड़वा इंसान” और उन्होंने इसे अपने लिए एक बड़ी सीख बताया।
‘युवा और प्रवासी भारतीय देश की ताकत’ नीता अंबानी बोलीं- प्रौद्योगिकी को अपनाना सबसे बड़ा अवसर
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