सद्गुरु के ज्ञानोदय दिवस पर स्वयंसेवकों और साधकों ने गोमती नदी के किनारे और कुकरैल वन क्षेत्र की सफाई कर स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
लखनऊ, 23 सितम्बर। ईशा फाउंडेशन के स्वयंसेवकों और साधकों ने मंगलवार को लखनऊ के गोमती तट और कुकरैल वन क्षेत्र में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया। यह अभियान आध्यात्मिक गुरु एवं ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु के ज्ञानोदय दिवस पर “आनंद लहर” कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया। अभियान में लगभग 50 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। दस्ताने, सफाई उपकरण और पर्यावरण-अनुकूल थैलियों से लैस होकर उन्होंने कचरा एकत्र किया और स्थानीय समुदाय को स्वच्छता, नदियों के महत्व और सतत सफाई की आदतों के बारे में जागरूक किया।
अनुभव साझा करते हुए एक स्वयंसेवक ने कहा- आनंद लहर केवल एक आंतरिक यात्रा ही नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाती है कि हमारे छोटे-छोटे कदम भी दुनिया के लिए बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। ऐसे प्रयास हमें अधिक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।
सफाई अभियान के अतिरिक्त,आम जनता को जागरूकता भी प्रदान की गयी और ऐसे सरल उपायों को बताया गया जिन्हें अपनाकर लोग अपने दैनिक जीवन में कचरा कम कर सकते हैं और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं। स्वयंसेवकों ने यह भी बताया कि ईशा प्लेस, साउथ सिटी, लखनऊ में नियमित रूप से योग सत्र आयोजित किए जाते हैं, जहाँ लोग जुड़कर ऐसे अभ्यासों का लाभ उठा सकते हैं जो व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण दोनों को पोषित करते हैं।
सद्गुरु द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो योग और ध्यान के माध्यम से मानव कल्याण हेतु कार्य करता है। इसके साथ ही, यह रैली फॉर रिवर्स, कावेरी कॉलिंग और कॉन्शियस प्लेनेट – सेव सॉइल जैसे व्यापक सामाजिक और पर्यावरणीय अभियानों का संचालन भी करता है।