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4 Oct 2025, Sat

BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख का राष्ट्रपति को पत्र, RSS संस्थापक हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है। इस पत्र में सिद्दीकी ने हेडगेवार को स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्र निर्माता बताया और कहा कि उन्होंने देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में जो योगदान दिया है, उसके लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में देशभक्ति की भावना को भी प्रेरणा मिलेगी।
जमाल सिद्दीकी ने कहा, हेडगेवार जी के योगदानों- जैसे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी, संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता और एक भारत का सपना- को देखते हुए उन्हें भारत रत्न देना बिलकुल उपयुक्त होगा। यह सम्मान न केवल उनके बलिदान को मान्यता देगा, बल्कि देशभर में सेवा कार्य में लगे स्वयंसेवकों को भी प्रेरित करेगा। केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म एक अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की थी। यह संगठन इस साल दो अक्तूबर को विजयदशमी के दिन अपने 100 साल पूरे कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस के इस शताब्दी वर्ष के अवसर पर आज दिल्ली के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसकी जानकारी दी है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का भी जारी किया, जो आरएसएस के राष्ट्र के प्रति कथित योगदान को दर्शाएगा।
पीएम ने ‘मन की बात’ में किया आरएसएस का जिक्र
‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस और उसके संस्थापक हेडगेवार की ‘अभूतपूर्व और प्रेरणादायक’ यात्रा की सराहना की। पीएम मोदी खुद पहले आरएसएस से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब 100 साल पहले आरएसएस की स्थापना हुई थी, तब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उन्होंने कहा, ‘सदियों की गुलामी ने हमारे आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को गहरी चोट पहुंचाई थी। दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता पहचान के संकट से गुजर रही थी। हमारे नागरिक हीन भावना के शिकार हो रहे थे। ऐसे समय में पूज्यनीय हेडगेवार जी ने विजयदशमी के शुभ अवसर पर 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। हेडगेवार जी के निधन के बाद गुरुजी ने इस महान सेवा कार्य को आगे बढ़ाया।’

By Aryavartkranti Bureau

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