मुजफ्फराबाद, एजेंसी। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में बीते कई दिनों से चल रहे हिंसक प्रदर्शन के चलते हालात बेकाबू और बेहद तनावपूर्ण बने हुए है। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की कार्रवाई से अब तक कम से कम दस लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। ऐसे में हिंसा के दिन-प्रतिदिन बढ़ते स्वरूप के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ हरकत में आते हुए नजर आ रहे है। इसके तहत उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक उच्चस्तरीय वार्ताकार समिति को पीओजेके भेजा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की तरफ से भेजी गई आठ सदस्यीय समिति में केंद्रीय मंत्री अहसन इकबाल, आमिर मुकाम, सरदार मोहम्मद यूसुफ, राणा सनाउल्ला, डॉ. तारिक फजल चौधरी, पीपीपी के नेता राजा परवेज अशरफ, क़मर जमां कैरा पूर्व पीओजेके राष्ट्रपति सरदार मसूद खान और इनके साथ पीओजेके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक भी शामिल है।
किससे हो रही है वार्ता?
यह समिति जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के प्रतिनिधियों से वार्ता कर रही है, जो वहां के जन आंदोलन का नेतृत्व कर रही है। वार्ता गुरुवार को मुख्य सचिव कार्यालय के कमेटी रूम में शुरू हुई और देर रात तक चली। शुक्रवार को भी बातचीत जारी रहने की उम्मीद है।
क्या है लोगो की मांग, पहले ये समझिए
अब पीओजेके के लोगों की मांग की बात करे तो जेकेजेएएसी के नेता शौकत नवाज मीर ने बताया कि पीओजेके के लोगों की प्रमुख मांगों में 12 रिफ्यूजी सीटों को खत्म करना, वीआईपी और एलीट वर्ग को मिलने वाली विशेष सुविधाएं बंद करना, जून 2019 के हाईकोर्ट के फैसले को लागू करना, हेल्थ कार्ड योजना लागू करना शामिल है। इसके अलावा, आंदोलनकारियों की मांग है कि मुजफ्फाराबाद, धिरकोट और अन्य इलाकों में मारे गए निर्दोष प्रदर्शनकारियों की हत्या के दोषियों को गिरफ्तार कर सजा दी जाए।
अब जानें कब और कैसे शुरू हुआ प्रदर्शन?
गौरतलब है कि प्रदर्शन पीओजेके में लगातार बढ़ती महंगाई, बिजली संकट और बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ शुरू हुआ। आंदोलन ने उस समय उग्र रूप ले लिया जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें कई लोग मारे गए। गुरुवार को भी क्षेत्र में पूरी तरह शटर डाउन और व्हील-जाम हड़ताल रही। सोमवार से संचार सेवाएं भी ठप हैं। हालांकि गुरुवार को किसी नए हिंसक घटना की खबर नहीं आई।
बवाल के बाद घुटने पर शरीफ सरकार, बातचीत के लिए भेजा आठ सदस्यीय दल, दस लोगों की हो चुकी है मौत
