नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में 2025 के दौरान घर खरीदने की क्षमता (हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी) में साफ सुधार देखने को मिला है। नाइट फ्रैंक इंडिया की अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के अंत से ब्याज दरों में आई बड़ी गिरावट के कारण होम लोन की ईएमआई का बोझ कम हुआ है, जिससे खरीदारों को राहत मिली है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश के आठ प्रमुख शहरों में 2010 से 2021 के बीच अफोर्डेबिलिटी में लगातार सुधार दर्ज किया गया। अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता सबसे किफायती हाउसिंग मार्केट के रूप में उभरे हैं। अहमदाबाद में ईएमआई-टू-इनकम अनुपात 18 फीसदी रहा, जबकि पुणे और कोलकाता में यह 22 फीसदी है।
मुंबई में हुई एतिहासिक सुधार
मुंबई में हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। यहां ईएमआई-टू-इनकम अनुपात घटकर 47 फीसदी पर आ गया, जो पहली बार 50 फीसदी के नीचे आया है। इसे घर खरीदने के लिहाज से ज्यादा टिकाऊ स्तर माना जाता है।
ब्याज दरों में कटौती से हुआ सुधार
पिछले एक दशक में आय में बढ़ोतरी और अनुकूल ब्याज दर चक्रों ने अफोर्डेबिलिटी को बेहतर किया। कोविड काल में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर लाने से इसमें तेज सुधार हुआ। हालांकि 2022-23 में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी से अस्थायी दबाव आया, लेकिन फरवरी 2025 से 125 आधार अंकों की कटौती ने स्थिति फिर मजबूत कर दी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) एकमात्र ऐसा बाजार रहा, जहां प्रीमियम हाउसिंग की कीमतें बढ़ने से अफोर्डेबिलिटी में हल्की गिरावट आई, हालांकि यह अब भी सुरक्षित दायरे में है।

