लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नया आदेश जारी किया है। सरकारी विभागों में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के गाड़ी चलाए जाने पर उनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सरकारी विभागों के कार्यालयों में निर्देश जारी किया है। हेलमेट पहनने या सीट बेल्ट नही बांधने के दोषी पाए जाने पर अधिकारी या कर्मचारी को उस दिन की हाजिरी काट ली जाएगी।
मुख्य सचिव के निर्देश पर प्रदेश में 15 दिन का सड़क सुरक्षा अभियान बुधवार से शुरू हो गया है। प्रदेश भर में सर्वाधिक दुर्घटना मृत्यु वाले 50 ब्लैकस्पॉट चिह्नित किए जाएंगे। साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी कर्मियों ने हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाई तो कार्यालय में अनुपस्थिति दर्ज होगी।
यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता अभियान
हेलमेट और सीटबेल्ट लगाने के अभियान की शुरुआत सरकारी बाबुओं से हुई है और ये लोगों में जागरूकता पैदा करने की एक सकारात्मक कोशिश है। मुख्य सचिव ने कहा है कि सड़क दुर्घटनाओं व उसमें होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब है। इसमें कमी लाना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। लोगों को यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करके इसमें कमी लाई जा सकती है।
खतरनाक सड़कें होंगी चिह्नित
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों में तीन या अधिक सड़क दुर्घटना मृत्यु वाले मामलों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया जाए। समिति जिले की खतरनाक सड़कों को चिह्नित करेगी। नगर विकास विभाग सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगवाए। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम वाले शहरों और एक्सप्रेसवे पर कैप्चर किए गए यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में शत-प्रतिशत चालान किया जाए।मुख्य सचिव ने कहा कि पखवाड़े के दौरान रोजाना सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों, खराब वाहनों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाए और लगातार गश्त की जाए।