यरुशलम, एजेंसी। ईरान के सिस्टम में इजराइल ने किस कदर घुसपैठ कर रखी है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ईरान के कुद्स फोर्स का कमांडर इस्माइल कानी। दरअसल शक है कि नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में इस्माइल कानी ने ही इजराइल को जानकारी दी थी। सूत्रों के मुताबिक ईरान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत को लेकर हो रही जांच में इस्माइल कानी रडार पर हैं।
पहले खबर थी कि बेरूत में हुए एक धमाके के बाद से इस्माइल कानी लापता हैं, आशंका जताई जा रही थी कि कहीं इजराइली हमले में ईरान के टॉप कमांडर इस्माइल कानी भी मारे गए, लेकिन ‘मिडिल ईस्ट आई’ की एक रिपोर्ट में कई सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि इस्माइल कानी जिंदा और सुरक्षित हैं। ईरान के जांच अधिकारी नसरल्लाह की मौत के मामले में कानी से पूछताछ कर रहे हैं। दरअसल 27 सितंबर को बेरूत में हुए एक धमाके में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारे गए थे, माना जा रहा है कि नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में इजराइल को किसी ईरानी जासूस ने ही जानकारी दी थी। वहीं सूत्रों का कहना है कि ईरान की टॉप लीडरशिप में एक संभावित इजराइली जासूस है, जिससे हिजबुल्लाह और IRGC की चिंताएं बढ़ गईं हैं। इस धमाके के बाद से इस्माइल कानी को सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं देखा गया। वहीं हिजबुल्लाह चीफ की मौत की पुष्टि के बाद ईरान की IRGC ने जांच शुरू कर दी कि इजराइल, नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में कैसे जानकारी मिली और कैसे वह हिजबुल्लाह चीफ को टारगेट करने में कामयाब रहा?
‘मिडिल ईस्ट आई’ की रिपोर्ट के मुताबिक तेहरान, बेरूत और बगदाद के वरिष्ठ शिया लीडर्स हिजबुल्लाह-IRGC के करीबी 10 सूत्रों ने ये जानकारी दी है। इन सूत्रों ने ‘मिडिल ईस्ट आई’ को बताया है कि इस्माइल कानी और उनकी टीम जांच की रडार पर है और उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस्माइल कानी ईरान के टॉप कमांडर में से एक हैं। जनवरी 2020 में अमेरिका के हमले में कासिम सुलेमानी की मौत के बाद कानी को कुद्स फोर्स का चीफ बनाया गया था। इससे पहले वह ईरान की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट का हिस्सा थे। सुलेमानी की मौत के बाद उन्हें ईरान की सैन्य रणनीति को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया था लेकिन अब सामने आ रहीं रिपोर्ट्स से शक जताया जा रहा है कि कहीं इस्माइल कानी मोसाद के एजेंट तो नहीं हैं।
IDF ने कानी को निशाना नहीं बनाया-सूत्र
वहीं इजराइल ने पिछले हफ्ते ही कानी के लापता होने की खबरों को लेकर साफ कर दिया था कि IDF ने कानी को निशाना नहीं बनाया है। इजराइली सेना के सूत्रों के मुताबिक कुद्स फोर्स के चीफ बेरूत में हुए हमलों का टारगेट नहीं थे।
बताया जाता है कि हिजबुल्लाह चीफ की हत्या के बाद इस्माइल कानी लेबनान पहुंचे थे लेकिन 3 अक्टूबर को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में इजराइली हमले के बाद से उनकी कोई खोज-खबर नहीं थी। इस हमले में इजराइल ने हिजबुल्लाह चीफ के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन के मारे जाने का दावा किया है। इजराइली के सैन्य सूत्रों ने कहा था कि हमले के दौरान इस्माइल कानी, हिजबुल्लाह चीफ के साथ थे इसके बारे में IDF को वास्तव में कोई जानकारी नहीं थी।