नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। अब किसान बिना किसी ब्याज के 2 लाख रुपये तक का कृषि ऋण ले सकेंगे। इससे पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी। यह फैसला बढ़ती महंगाई और कृषि लागत को देखते हुए लिया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह फैसला छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि महंगाई और कृषि में उपयोग होने वाले कच्चे माल की लागत में वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6।5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि इकोनॉमी में नकदी बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। सीआरआर के तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा नकद भंडार के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है। इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।