नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने मंगलवार को एक अहम बैठक की। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई बैठक के बाद मीडिया को जानकारी भी दी गई। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया। बताया गया कि लोकसभा के 200 से ज्यादा सांसदों ने विशेष सत्र के लिए पीएम मोदी को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान संसद का विशेष सत्र न बुलाए जाने पर संजय राउत ने सरकार पर तंज कसा। शिवसेना यूबीटी सांसद ने कहा कि क्या हमें विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना चाहिए?
गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ‘इंडिया’ के 16 राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान सभी विपक्षी दल हमारे सशस्त्र बलों और भारत सरकार के समर्थन में खड़े थे। जब अमेरिका ने युद्ध विराम की घोषणा की थी, तब हमने मांग की थी कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, ताकि सभी दल हमारे सशस्त्र बलों को धन्यवाद दे सकें। पहलगाम से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की घोषणा तक, हमें संसद में इन पर चर्चा करनी चाहिए। हमें संसद में आतंकवाद को कैसे खत्म किया जाए और आगे की रणनीति पर भी चर्चा करनी चाहिए। अब जबकि भारत सरकार दुनिया के सामने अपने विचार रख रही है, तो मुझे लगता है कि सरकार को संसद में भी ऐसा ही करना चाहिए।
‘आप कल सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेगी’
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ’16 दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पत्र में पुंछ, उरी, राजौरी और संसद में स्वतंत्र चर्चा की बात की गई है। सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी है, संसद जनता के प्रति उत्तरदायी है। इसलिए हम संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। जिन दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईटीसी, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई (एम), आईयूएमएल, सीपीआई, आरएसपी, जेएमएम, वीसीके, केरल कांग्रेस, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन शामिल हैं। आप कल सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेगी।
‘हम कूटनीतिक मोर्चे पर असफल रहे’
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, ‘…हम जानना चाहते हैं कि किन देशों ने हमारा समर्थन किया। एक भी देश भारत के समर्थन में सामने नहीं आया। यह चिंताजनक है। हम कूटनीतिक मोर्चे पर असफल रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध विराम की घोषणा की। जनता को लगता है कि हमें युद्ध विराम के लिए मजबूर किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद पूरी दुनिया में देश का सम्मान गिरा है।
‘क्या हमें विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना चाहिए?’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है, उस पर 16 राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर हैं। यह कोई सामान्य पत्र नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज है। हम चाहते हैं कि देश में अब तक जो कुछ भी हुआ है, उस पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए। अगर राष्ट्रपति ट्रंप के सुझाव पर युद्ध विराम हुआ था, तो विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बाद भी विशेष सत्र क्यों नहीं हो सकता? क्या हमें विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना चाहिए?’