मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव में मिली करारी हार के बाद महा विकास अघाड़ी के नेता लगातार ईवीएम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ताजा बयान उद्धव गुट के सांसद संजय राउत का है। राउत ने EVM को फ्रॉड बताया है। उन्होंने कहा कि, हम पिछले 10 साल से इस पर सवाल उठा रहे हैं। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब बीजेपी ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। उद्धव गुट के इस नेता ने कहा कि इस देश में ईवीएम एक धोखा है और अगर ईवीएम नहीं होगी तो बीजेपी को पूरे देश में 25 सीटें भी नहीं मिलेंगी।
उन्होंने आगे कहा कि जिस से महाराष्ट्र और हरियाणा के नतीजे आए हैं, हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं, बैलट पेपर पर चुनाव कीजिए और उसके जो नतीजे आएंगे हम उसे मानेंगे। जिस संसद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने से नेता प्रतिपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है, वहां हमें क्या न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय नहीं दे रहा है तो संसद हमें क्या न्याय देगी।
76 सीटों पर वोट से कम गिनती- प्रियंका चतुवेर्दी
वहीं, उद्धव गुट की सांसद और प्रवक्ता प्रियंका चतुवेर्दी ने भी ईवीएम के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा है। प्रियंका ने कहा कि हरियाणा हो या महाराष्ट्र हो…महाराष्ट्र में तो बकायदा अखबार बता रहे हैं कि 288 में से 95 विधानसभा सीटों जो वोट पोल हुए हैं और जो वोट काउंट हुए हैं, उसमें अंतर है। करीब ऐसे 76 सीट हैं, जो बता रहे हैं कि जो वोट पोल हुए उससे कम गिनती की गई है और 19 ऐसे हैं, जो वोट किए गए हैं, उससे ज्यादा गिनती की गई है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या ईवीएम को एक मीडियम बनाया जा रहा है और ये सवाल हर तरफ से उठ रहे हैं। वोटर के तो आ ही रहे हैं। साथ ही साथ पॉलिटिकल पार्टी से भी आ रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इलेक्शन आउटकम को प्रभावित किया जा रहा है। इसपे कार्रवाई होनी चाहिए। यह व्यापक चर्चा का विषय है।
प्रियंका ने बीजेपी को बताया ‘पावर हंगरी’
वहीं, सीएम पद को लेकर प्रियंका ने कहा कि नतीजे आए इतने दिन हो गए लेकिन अभी तक सीएम कौन होगा, इसका फैसला नहीं हो पाया है। अगर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है तो जल्दी से इसकी घोषणा करें। आप महाराष्ट्र की जनता से किए गए वादों से उन्हें क्यों वंचित कर रहे हैं? ये जो खींचतान चल रही है, ये लोग कोई भी फैसला बिना खींचतान के बगैल लेते नहीं हैं। ये लोग पावर हंगरी इतने हैं कि इन्हें इतना भारी बहुमत मिला है और अब तक महाराष्ट्र की जनता को ये नहीं पता कि उनका सीएम कौन होगा। ये जनादेश का अपमान है।