लेटेस्ट न्यूज़
9 Apr 2025, Wed

खुशहाली में टॉप पर फिनलैंड, लेकिन इन 3 देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा दुखी लोग

वॉशिंगटन, एजेंसी। आज वर्ल्ड हैपिनेस डे है और इसी मौके पर “वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025” भी आ गई है। कोई हैरानी की बात नहीं कि फिनलैंड ने लगातार आठवीं बार सबसे खुशहाल देश का ताज अपने नाम किया है। यानी नॉर्डिक देशों का खुशी की दौड़ में दबदबा कायम है। डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन भी टॉप 4 में हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर की इस रिपोर्ट में पाया गया कि खुशी के पीछे आर्थिक समृद्धि से ज्यादा भरोसा, आपसी सहयोग और समाज का सकारात्मक नजरिया अहम रोल निभाते हैं। मगर सवाल ये है कि जब दुनिया के सबसे खुशहाल देश सामने हैं, तो सबसे ज्यादा दुखी देश कौन से हैं? जहां एक ओर नॉर्डिक देशों ने टॉप स्थानों पर कब्जा जमाया, वहीं अमेरिका और ब्रिटेन की रैंकिंग में लगातार गिरावट देखी गई। अमेरिका जो पहले टॉप 20 में शामिल था, अब इस लिस्ट में और नीचे खिसक गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में बढ़ती सामाजिक असमानता, तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ लोगों की खुशहाली पर नकारात्मक असर डाल रही हैं। इसी तरह, ब्रिटेन भी पहले की तुलना में नीचे आ गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि विकसित देशों में खुशहाली सिर्फ जीडीपी की बढ़ोतरी से तय नहीं होती।
अफगानिस्तान सबसे दुखी देश
पश्चिमी औद्योगिक देशों में खुशहाली का ग्राफ अब 2005-2010 के मुकाबले नीचे आ चुका है। 15 देशों में खुशी का स्तर गिरा है, जबकि सिर्फ 4 देशों में सुधार हुआ है/ खासकर अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड और कनाडा में यह गिरावट 0।5 अंकों से ज्यादा रही, जिससे ये “टॉप 15 सबसे ज्यादा उदास” देशों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
अफगानिस्तान एक बार फिर बना दुनिया के सबसे दुखी देश में शामिल हुआ है। अफगान महिलाओं ने कहा है कि इस देश में ज़िंदगी एक संघर्ष में बन गई है। पश्चिमी अफ्रीका का सिएरा लियोन दूसरे पायदान पर, जबकि लेबनान तीसरे सबसे अधमरे देश के रूप में दर्ज हुआ है।
खुशी का असली पैमाना क्या है
गैलप के सीईओ जॉन क्लिफ्टन के अनुसार खुशी सिर्फ पैसा या विकास पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह इस बात पर भी निर्भर करती है कि लोग एक-दूसरे पर कितना भरोसा करते हैं और एक-दूसरे के लिए कितने मददगार हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि छोटे-छोटे सामाजिक कारक, जैसे कि परिवार के साथ भोजन करना, किसी भरोसेमंद व्यक्ति का साथ होना और सामाजिक सहयोग, खुशी के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी समुदाय में दूसरों की ईमानदारी और भलाई में विश्वास करना, खुशहाली का एक बड़ा संकेतक है। उदाहरण के लिए, जिन देशों में लोग यह मानते हैं कि अगर उनका बटुआ खो जाए तो उन्हें वापस मिल सकता है, वे आमतौर पर अधिक खुशहाल पाए गए। नॉर्डिक देशों में खोए हुए बटुए की वापसी की दर सबसे अधिक दर्ज की गई, जिससे यह पता चलता है कि वहाँ परस्पर विश्वास और ईमानदारी का स्तर ऊंचा हैं।
कोस्टा रिका और मैक्सिको ने बनाया टॉप 10 में स्थान
जहाँ यूरोपीय देश अब भी शीर्ष 20 में हावी हैं, वहीं इस बार कुछ नए देशों ने शीर्ष 10 में जगह बनाई है। कोस्टा रिका और मैक्सिको पहली बार दुनिया के 10 सबसे खुशहाल देशों में शामिल हुए। रिपोर्ट में बताया गया कि मैक्सिको और यूरोप में चार से पाँच सदस्यों वाले परिवार सबसे अधिक संतुष्ट जीवन जीते हैं। यही नहीं, इज़राइल, जो इस समय युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, फिर भी आठवें स्थान पर बना रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *