प्रयागराज। लगभग छह वर्षों की प्रतीक्षा के बाद संगम पर रोप-वे परियोजना काे लेकर सार्थक पहल हुई है। फाइलों में पड़ी परियोजना को धरातल पर उतारा गया है। संगम पर 2.2 किलोमीटर लंबा रोप-वे बनाया जाएगा। यह शंकर विमान मंडपम को त्रिवेणी पुष्प से जोड़ेगा।
देश-विदेश के श्रद्धालु आसमान से विहंगम संगम को निहार सकेंगे। इससे आस्था के साथ रोमांच का मिलन होगा। रोप-वे बनने से तीर्थराज प्रयाग धार्मिक पर्यटन के फलक पर छा जाएगा। माघ मास के अलावा वर्ष पर्यंत श्रद्धालु आएंगे।
मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल संगम की ख्याति देश-विदेश में फैली है। माघ मास में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने प्रयागराज आते हैं। उसके बाद यह क्षेत्र विरान हो जाता है। वर्ष 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनी तो प्रयागराज को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत धार्मिक-पौराणिक स्थलों का कायाकल्प कराया गया। वर्ष 2018 में संगम पर रोप-वे बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ।
महाकुंभ के दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
तत्कालीन पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी की देखरेख में प्रस्ताव तो बना, लेकिन उसका क्रियांन्वयन नहीं हो पाया। इधर, महाकुंभ के दौरान 13 जनवरी से 26 मार्च तक देश-विदेश से 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई तो प्रयागराज की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई।
यही कारण है कि महाकुंभ बीतने के बाद फाइलों में बंद रोप-वे की परियोजना केंद्र सरकार के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से यह योजना साकार होने जा रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना का एमओयू होने की एक्स पर जानकारी दी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसको प्रयागराज को होली की सौगात बताते हुए एक्स पर लिखा कि यह ऐतिहासिक परियोजना पर्यटन, यातायात सुविधा एवं सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देगी।
किया जा चुका है सर्वे
संगम के पास रोप-वे बनाने के लिए सर्वे किया जा चुका है। संबंधित विभागों से एनओसी भी जारी की जा चुकी है। यह रोप-वे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण संगम क्षेत्र में आस्था और पर्यटन को बढ़ावा देगा। साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम दर्शन में सुविधा प्रदान करेगा। माघ मेला, कुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को इससे अनुभव मिलेगा।
चिह्नित हो चुकी है जमीन
संगम पर रोप-वे बनाने की मंजूरी शासन से मिल चुकी है। इसका डीपीआर भी स्वीकृत हो गया था। शंकर विमान मंडपम से त्रिवेणी पुष्प और फिर संगम के ऊपर से झूंसी के उल्टा किला तक रोपवे मार्ग का सर्वे हुआ था। झूंसी स्थित उल्टा किला के पास स्टेशन बनाने के लिए 0.342 हेक्टेयर व अरैल में त्रिवेणी पुष्प के पास 0.3888 हेक्टेयर भूमि चिह्नित चुकी थी।
छह लोगों के बैठने की सुविधा
सर्दियों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक रोप-वे चलेगा। बाढ़ ज्यादा होगी तो इसका संचालन कुछ दिनों के लिए रोका भी जा सकता है। रोप-वे में 16 केबल कार होंगी। प्रत्येक केबल कार में छह लोग बैठक सकेंगे। नेशनल हाईवेज लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की टीम इसका सर्वे कर चुकी है। एनएचएलएमएल को देश में योजना के तहत रोपवे परियोजनाएं विकसित करने का काम सौंपा गया है।
उपमुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य ने बताया
प्रयागराज तीर्थों का राजा है, उसकी ख्याति के अनुरूप तीर्थराज का विकास कराया जा रहा है। सदियों से उपेक्षित धार्मिक और पौराणिक स्थलों का कुंभ-2019 से पहले कायाकल्प कराया गया। जो कार्य बचा था उसे महाकुंभ-2025 से पहले करवाया गया। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई। सड़कें चौड़ी हुई। महर्षि भरद्वाज, निषादराज पार्क, अक्षयवट, सरस्वती कूप, पाताल पुरी, बड़े हनुमान जी कारिडोर बनवाया गया। द्वादश माधव मंदिरों का कायाकल्प कराया। इससे बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। अब रोप-वे बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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