झांसी। विदेशों तक दीनी तालीम के लिए ऑन लाइन क्लास चलाने वाले मुफ्ती के सहारे एटीएस और एनआईए विदेशी फंडिंग का सुराग तलाशने में जुटी है। गुरुवार तड़के करीब 4:00 बजे एनआईए और एटीएस की संयुक्त टीम ने छापा मारा।
झांसी कोतवाली क्षेत्र स्थित सलिम बाग बाहर दतिया गेट निवासी खालिद नदवी दीनी तालीम की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन क्लास चलता है। गुरुवार तड़के केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम यहां पहुंची। विदेशी फंडिंग मामले में एजेंसियों के पास अहम सुराग हैं।
खालिद के घर आने से पहले उनके रिश्तेदार मुकरयाना में छोटी मस्जिद निवासी साबिर नदवी के यहां भी टीम पहुंची थी। उससे भी पूछताछ की गई। लगभग एक घंटा चली पूछताछ के बाद पुलिस के पहरे में छोड़कर जांच टीम खालिद के यहां पहुंची।
एनआईए की कार्रवाई के दौरान मुफ्ती खालिद से किसी को मिलने नहीं दिया। इस पर वहां के लोगों ने मस्जिद से एलान कर दिया। एलान के बाद मुफ्ती खालिद के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने हंगामा कर दिया। भीड़ ने मुफ्ती खालिद को भी छुड़ा लिया। हालांकि टीम ने फिर से मुफ्ती खालिद को हिरासत में ले लिया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। फिलहाल अभी भी पूछताछ चल रही है।
मुफ्ती से पूछताछ जारी
एनआईए टीम मुफ्ती खालिद नदवी को हिरासत में लेकर एसपी कार्यालय पहुंची। यहां एसपी सुधा सिंह की अगवाई में एनआईए और पुलिस की टीम उससे पूछताछ कर रही है। एनआईए टीम ने देर रात छापा मारा था।
विदेशी फंडिंग मामले की जांच के दौरान टीम ने यहां पहुंच कर लोगों से पूछताछ की। मुफ्ती खालिद को हिरासत में लिए जाने की सूचना पर हजारों लोगों की भीड़ भी मोहल्ले में जमा हो गई सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स बुला लिया गया।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह समेत कई स्थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और मामले को संभाला। उग्र भीड़ को देखते हुए पुलिस मुफ्ती खालिद को लेकर कई घंटे तक एक मस्जिद में रुकी रही, उसके बाद पीछे के रास्ते से गुपचुप तरीके से एसपी कार्यालय लेकर पहुंची।
मुफ्ती खालिद ने कहा, ‘रात के करीब 2:30-3 बजे एनआईए दिल्ली के लोगों ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी। उन्होंने पूरे घर की अच्छी तरह से जांच की और उन्हें कुछ भी नहीं मिला। उन्होंं जो भी किताबें संदिग्ध लगीं, उन्हेंने उसे ले लिया। वे पासपोर्ट, सऊदी अरब का पुराना वीजा जैसे दस्तावेज ले गए। उन्होंने मेरे फोन की जांच की और मेरे व्हाट्सएप संपर्कों और समूहों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने मुहम्मद इलियास घुमन के बारे में पूछा। मैं एक ऑनलाइन इस्लामिक कोचिंग सेंटर चलाता हूं, जहां मैं भारतीय और एनआरआई छात्रों को पढ़ाता हूं। उन्होंने मेरे बैंक स्टेटमेंट भी
चेक किए।’