मुंबई, एजेंसी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर हमला बोला। यह बयान राज्य में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच मनसे कार्यकर्ताओं की ओर से की गई कथित हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं के सामने आने के बाद आया है।
निशिकांत दुबे ने 2007 की एक घटना का हवाला दिया, जिसका कथित तौर पर विकीलीक्स में जिक्र किया गया था। इसमें बताया गया था कि मनसे कार्यकर्ताओं ने बिहार के एक छात्र पर हमला किया। दुबे ने कहा कि गुंडागर्दी ही राज ठाकरे का एकमात्र उद्देश्य है और वह यह सब मुंबई नगर निगम चुनाव हार के डर से करते हैं।एक्स पर एक पोस्ट में निशिकांत दुबे ने लिखा, जब राज ठाकरे को जन समर्थन नहीं मिलता, तो वह अपने गुंडों को आगे कर देते हैं। इसका मतलब है कि गुंडागर्दी ही उनका एकमात्र उद्देश्य है, जो वे मुंबई नगर निगम चुनाव से ठीक पहले हार के डर से करते हैं। उन्होंने आगे कहा, मेरा विरोध ठाकरे की गुंडागर्दी को लेकर है और अब सहनशीलता की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं। पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे निशिकांत दुबे ने मराठा समुदाय के प्रति सम्मान प्रकट किया। उन्होंने कहा, मराठा समुदाय हमेशा से सम्माननीय रहा है और देश हम सबका है। जहां मैं सांसद हूं, वहां मराठा मधुलिमये लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। हमने (दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के खिलाफ लोकसभा में एक मराठा को जितवाया था। दुबे ने कहा, ठाकरे होश में आओ, अपनी लड़ाई को मराठा समुदाय से मत जोड़ो। हमने मुंबई के विकास में योगदान दिया है और आगे भी देते रहेंगे।
‘यूपी-बिहार आओ, तुमको पटक-पटक के मारेंगे’
राज ठाकरे की ओर से अपने कार्यकर्ताओं को दिए गए विवादित निर्देश ‘मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ’ को लेकर निशिकांत दुबे ने पलटवार किया और कहा, अगर हिम्मत है तो हिंदी बोलने वालों को ही क्यों, उर्दू, तमिल, तेलुगू बोलने वालों को भी मारो। अगर इतने ही बड़े नेता हो, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलो—बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु आओ। ‘तुमको पटक पटक के मारेंगे।’
मराठियों के लिए दुबे के मन स्पष्ट नफरत: आदित्य ठाकरे
उधर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि निशिकांत दुबे के मन में मराठी पहचान के प्रति स्पष्ट घृणा है। उन्होंने कहा, निशिकांत दुबे हिंदी भाषियों के प्रवक्ता नहीं हैं। उनके मन में मराठी के लिए जो नफरत है वह साफ दिखती है।
उनकी जिम्मेदारी बिहार की है। तोड़ो और चुनाव जीतो—यही इनका तरीका है। पुलिस के मुताबिक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच कार्यकर्ताओं को वर्ली में उद्यमी सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धाराएं 223, 189(2), 189(3), 190, 191(2), 191(3), और 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है।