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2 Jul 2025, Wed

‘एक देश नहीं चाहता था आतंकवाद का जिक्र’, बिना नाम लिए जयशंकर ने खोली पाकिस्तान की पोल, राजनाथ को सराहा

नई दिल्ली। चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इनकार करने के फैसले को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही ठहराया। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की पोल भी खोली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रक्षा मंत्री ने बिल्कुल सही कदम उठाया। क्योंकि 10 सदस्यीय समूह में केवल एक देश ऐसा था तो आतंकवाद का जिक्र नहीं करना चाहता था। जबकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना है।
विदेश मंत्री ने कहा कि मैं आपको कुछ संदर्भ देता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है। शंघाई सहयोग संगठन का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना था। यह संगठन आतंकवाद से लड़ने के लिए है। जब राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों की बैठक में गए और दस्तावेज पर चर्चा हुई तो एक देश ने कहा कि नहीं नहीं, हम इस पर बात नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण सही था। जिस संगठन का उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना है, उस पर बात नहीं की गई तो रक्षा मंत्री ने साझा बयान को स्वीकार करने की अनिच्छा व्यक्त की। एससीओ सर्वसम्मति से चलता है। एक देश बयान में आतंकवाद का संदर्भ देने के लिए सहमत नहीं था। इसलिए राजनाथ सिंह जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि बयान में आतंकवाद का उल्लेख नहीं है, तो हम इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अच्छा काम किया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सराहना करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है क्योंकि देश के हित को सबसे पहले रखा जाता है। मैंने दुनिया भर में घूमने वाले और राष्ट्रीय हित में बोलने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बीच एकता देखी। भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया कि आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और अगर यह जारी रहता है, तो देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।
विदेश मंत्री ने कहा कि जब मैं शशि थरूर, सुप्रिया सुले, कनिमोझी, संजय झा, जय पांडा, रविशंकर प्रसाद और श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को देखता हूं तो मुझे बहुत गर्व होता है, लेकिन जब मैं दुनिया भर में सभी दलों के बीच एकता देखता हूं, जो राष्ट्रहित में बोलते हैं, यह संदेश देते हैं कि आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और अगर यह जारी रहता है, तो हमें अपनी रक्षा करने का अधिकार है। वे जिस भी देश में गए उन्हें बताया गया कि सबसे प्रभावशाली बात यह थी कि सभी दल देश का प्रतिनिधित्व करने में एकजुट थे। यह हमारे लिए एक महान क्षण था।

By Aryavartkranti Bureau

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