दमिश्क। सीरिया में बशर अल असद सरकार के सत्ता से हटने और बागी समूहों द्वारा सत्ता कब्जाने के बाद अब दुनियाभर के देशों ने भी नई सरकार को स्वीकार कर लिया है और उनके साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुंच चुके हैं। विशेष दूत ने सीरिया के नए नेता और हयात तहरीर अल शाम के प्रमुख अबू मोहम्मद अल जोलानी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि देश में एक विश्वसनीय न्याय प्रणाली स्थापित हो, अपराधों के लिए न्याय और जवाबदेही हो और बदले की भावना से काम न किया जाए।
कतर के दूतावास भी 13 साल बाद मंगलवार से फिर से दमिश्क में काम करना शुरू कर देगा। कतर ने 13 साल पहले सरकार विरोधी विद्रोह के शुरुआती दौर में दमिश्क में अपना दूतावास बंद कर दिया था। इस विद्रोह के बाद ही सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हुआ था, जो 13 साल चला। गृहयुद्ध के दौरान दुनिया के अन्य देशों ने बशर अल असद सरकार के साथ अपने संबंध जारी रखे, लेकिन कतर ने ऐसा नहीं किया। तुर्किए ने भी 12 साल बाद दमिश्क में अपना दूतावास फिर से खोल दिया। सीरिया के उत्तर-पश्चिम में तुर्किए का काफी प्रभाव है और सीरिया की राजनीति में भी तुर्किए की खास जगह है।
ब्रिटेन ने भी शुरू किया कूटनीतिक संबंध
ब्रिटेन ने भी सीरिया की नई सरकार के साथ अपने कूटनीतिक संबंध बहाल कर लिए हैं। हालांकि ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि लंदन ने हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया है, लेकिन वे अभी भी एचटीएस को एक आतंकी समूह मानते हैं। ब्रिटेन ने सीरियाई लोगों की मदद के लिए एक आर्थिक पैकेज का भी एलान किया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी कहा है कि उनके देश के साल 2018 से ही एचटीएस के साथ सीधा संपर्क है। फ्रांस का भी एक राजनयिक दल मंगलवार को दमिश्क आने वाला है।
HTS के नेतृत्व में विद्रोही हमले के बाद बशर अल असद 8 दिसंबर को सीरिया छोड़कर भाग गए थे। सीरिया में चले गृहयुद्ध में 500,000 से ज़्यादा लोग मारे गए और देश की आधी से ज़्यादा आबादी विस्थापित हो गई है। अब दमिश्क की सड़कों पर धीरे-धीरे शांति लौट रही है, असद के भागने के बाद पहली बार बच्चे स्कूल जा रहे हैं।