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2 Jul 2025, Wed

‘संविधान की प्रस्तावना को बदला नहीं जा सकता…’ आपातकाल पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

नई दिल्ली, एजेंसी। 1976 में लगे आपातकाल को 50 साल पूरे हो चुके हैं। आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान में भी कई बदलाव किए थे। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना में भी कुछ शब्द जोड़े गए थे, जिसे लेकर अब सियासत तेज हो गई है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसपर बयान देते हुए कहा कि प्रस्तावना को बदला नहीं जाता है। यह संविधान का बीज होती है। दुनिया के किसी अन्य देश में संविधान की प्रस्तावना को नहीं बदला गया है, यह सिर्फ भारत में देखने को मिलता है।
प्रस्तावना पर क्या बोले उपराष्ट्रपति धनखड़?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘भारतीय संविधान की प्रस्तावना को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के द्वारा बदला गया। प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्द जोड़े गए। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने भी संविधान पर बहुत मेहनत की थी। ऐसे में जाहिर है उन्होंने भी इन शब्दों पर ध्यान दिया होगा, लेकिन इन्हें संविधान की मूल प्रस्तावना में नहीं रखा गया था।’
केंद्रीय मंत्रियों ने भी दिया साथ
होसबाले के बयान के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया। इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और शिवराज सिंह चौहान का नाम भी शामिल है। उनका कहना है कि मूल संविधान में बी आर अंबेडकर ने इन शब्दों को नहीं लिखा था। इन्हें संविधान में रखने पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

By Aryavartkranti Bureau

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